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Tiger in Mahasamund : 12 वर्ष बाद कुहरी से सिरपुर जाने वाले मार्ग पर रोड क्रास करता दिखा बाघ, ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग सक्रिय

Tiger in Mahasamund

महासमुंद। छत्‍तीसगढ़ के महासमुंद जिले के सिरपुर एरिया के अचानकपुर मार्ग पर एक बाघ दिखा। बाघ रोड क्रास कर जंगल की ओर जा रहा था। इसी दौरान वहां से गुजर रहे राहगीरों ने वीडियो बनाया। बाघ के मूवमेंट की खबर मिलते ही वन विभाग के अधिकारी सक्रिय हो गए है। यह घने जंगल का क्षेत्र है, जोकि बारनवापारा अभ्यारण्य से लगा हुआ है। हालांकि वन विभाग का कहना है कि बीते 10-12 साल से बाघ यहां नहीं दिखा।

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जंगल में लगे सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है। इधर बाघ दिखने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। 2016 से यह क्षेत्र हाथी प्रभावित रहा है। यहां हाथियों ने दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों की जान ली है। अब बाघ दिखने से यहां ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

Tiger in Mahasamund

गुरुवार की शाम को बाघ का वायरल वीडियो को स्‍थानीय ग्रामीण फर्जी बता रहे। इस वायरल वीडियो की जाँच की गई तो बताया गया कि एक शिक्षक कांशीराम पटेल गुरुवार दोपहर इस मार्ग से गुजर रहे थे। वे कार में थे। उनके साथ उनका परिवार था। सड़क पर बाघ देखकर दूर ही कार रोक कर इसका वीडियो बनाने लगे।

बाघ कार की ओर नहीं बढ़ा, वह सड़क पार कर भाग निकला। डरे सहमे शिक्षक ने वीडियो बनाया। क्षेत्र में बाघ नहीं है उन्हें भी ज्ञात था, किंतु बाघ देखकर वे मोबाइल में कैद कर लिए। इसे दोस्तों को भेजा, बाद वीडियो वायरल हो गया। महासमुंद के डीएफओ ने बताया, अचानकपुर क्षेत्र में बाघ नजर आया है। वीडियो की जांच कराई गई है।

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Tiger in Mahasamund

इसी मार्ग पर बाघ का फुट प्रिंट मिला है। उसने गाय का शिकार भी किया है। टीम लगातार नजर बनाई हुई है। बाघ अब तक आबादी क्षेत्र में नहीं घुसा है। अब तक एक ही वीडियो सामने आया है, सड़क पार करते हुए, वहीं सही है। टीम जल्द ही पड़ताल कर इसे सही जंगली क्षेत्र में छोड़ने का काम करेगी।

फारेस्ट विभाग के हवाले से बाघ ने पीढ़ी बांध के पास गाय को शिकार बनाया है। बाघ तीन दिनों से अचानकपुर (सिरपुर क्षेत्र के) जंगल में है। बाघ की पहचान नर या मादा के तौर पर नहीं हो सकी है। वन विभाग अधिकारी से इसकी पहचान करने जुटा है। संभावना जताई जा रही है कि बाघ उदंती अभ्यारण से आया है, क्योंकि सिरपुर जंगल को यह लिंक करता है। शेर की पहचान के बाद इसे ट्रेंक्यूलाइज कर उदंती क्षेत्र में छोड़ने की कवायद होगी। इसके लिए रायपुर से एक्सपर्ट टीम आएगी।

 

 

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