Storyteller Devki Nandan Thakur
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर की मुश्किलें अब बढ़ती नजर आ रही हैं। वाराणसी की अदालत ने उनके खिलाफ मानहानि के एक मामले में समन जारी करते हुए 9 जुलाई 2025 को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।
यह मामला उनके उस कथित बयान से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने भारत के विभाजन और कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के लिए “जयचंदों” को दोषी ठहराया था। यह बयान उन्होंने 3 दिसंबर 2024 को वाराणसी में एक धार्मिक कथा के दौरान दिया था, जो समाचार माध्यमों और टीवी चैनलों के जरिए सामने आया।
Storyteller Devki Nandan Thakur
इस बयान को लेकर अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने आपत्ति जताते हुए कोर्ट में मानहानि का परिवाद दर्ज कराया। उनका आरोप है कि इस तरह के बयान से उन्हें मानसिक आघात पहुंचा है और यह सार्वजनिक रूप से एक विशेष वर्ग को अपमानित करने वाला है। अधिवक्ता का कहना है कि कथावाचक का बयान ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने वाला और समाज में वैमनस्य फैलाने वाला है।
बता दें कि इस मामले की सुनवाई एसीजेएम-10 की अदालत में हो रही है, जहां देवकीनंदन ठाकुर अब तक पेश नहीं हुए हैं। इस पर अदालत ने सख्ती दिखाते हुए उन्हें समन जारी कर अगली सुनवाई में 9 जुलाई को उपस्थित होने के आदेश दे दिए हैं।
देवकीनंदन ठाकुर के भाषणों में सामाजिक और ऐतिहासिक मुद्दों को लेकर तीखी टिप्पणी अक्सर सामने आती रही है। लेकिन इस बार मामला सीधे न्यायिक प्रक्रिया तक पहुंच गया है, जिससे उनके सामने कानूनी चुनौती खड़ी हो गई है।
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