Bengal 1947 Movie
रायपुर। छत्तीसगढ़ में बनी फिल्म को बंगाल के फिल्म फेस्टिवल में बेहद पसंद किया गया। बंगाल 1947 फिल्म की शूटिंग छत्तीसगढ़ के कवर्धा, खैरागढ़, पखांजूर कांकेर जिले में शूटिंग हुई है। बंगाल के विभाजन से संबंधित स्क्रीनप्ले होने कारण छत्तीसगढ़ के बंगाली रिफ्यूजी शरणार्थी जो छत्तीसगढ़ में पखांजूर में रहते हैं दंडकारण प्रोजेक्ट बांग्लादेश से जो रिफ्यूजी भारत आए हुए थे।
इस फिल्म का नाम पहले शबरी का मोहन रखा गया था। बाद में इसे बदल कर बंगाल 1947 का नाम रखा गया। कई बॉलीवुड प्रोजेक्ट में काम कर चुके फिल्म मेकर आकाश आदित्य लामा ने इस फिल्म को बनाया है। फिल्म के प्रड्यूसर सतीश पांडे और रिशव पांडे ने जानकारी दी कि फिल्म के मुख्य सीन चित्रकोट, कांगेर घाटी, जगदलपुर और परलकोट क्षेत्र में शूट किये गए हैं।
Bengal 1947 Movie
इन इलाकों में रहने वाले बंगाली संस्कृति के लोगो की वजह से फिल्म को सही बैकग्राउंड मिला है। फिल्म में छत्तीसगढ़ के थिएटर आर्टिस्ट और प्रोफेसर योगेंद्र चौबे भी प्रमुख भूमिका निभा रहे है। छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक दृश्यों के बीच कई बंगाली गांव में इस फिल्म की शूटिंग की गयी है।
फ़िल्म की शूटिंग इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के महल, कवर्धा छुईखड़ान और गंडई में हुई है। बंगाल विभाजन का दर्द लिए फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है। फिल्म बंगाल समुदाय के रहन सहन वेश भूषा रीति रिवाजों पर आधारित है।
Bengal 1947 Movie
इस फ़िल्म में अंकुर अरवम, सुरभि श्रीवास्तव, अनिल रस्तोगी आदित्य लाखिया, विक्रम ओंकार दास मानिकपुरी जैसे बॉलीवुड और छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय कलाकारों ने भूमिक निभाई है। इस फ़िल्म के निर्देशक आकाशदित्य लामा ने बताया कि जल्द यह फ़िल्म का प्रदर्शन सिनेमा घरों मे किया जाएगा।