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Friday, October 17, 2025

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TRF Claims : पहलगाम आतंकी हमले से TRF का यू-टर्न, कहा- सोशल मीडिया अकाउंट हैक हुआ था; भारत ने लिया सख्त एक्शन

TRF Claims

नई दिल्ली। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम के बैसरन इलाके में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन The Resistance Front (TRF) ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर इस हमले की जिम्मेदारी ली। लेकिन जैसे ही भारत ने कड़ा रुख अपनाया, TRF ने चार दिन बाद एक नया बयान जारी कर पहले के दावे से साफ मुकर गया। TRF ने कहा कि हमला होते ही किसी ने उनके सोशल मीडिया अकाउंट को हैक कर लिया था और उन पर झूठा बयान डाल दिया गया।

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TRF का कहना है कि उसका पहलगाम में हुए हमले से कोई लेना-देना नहीं है। इस बयानबाज़ी को सुरक्षा एजेंसियां TRF और पाकिस्तान की घबराहट के रूप में देख रही हैं। माना जा रहा है कि जैसे ही भारत ने हमले को लेकर सख्त रुख दिखाया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की भूमिका को लेकर सवाल उठने लगे, तो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने TRF पर दबाव बनाकर बयान बदलवाया। यह सब तब हुआ जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमले की ‘स्वतंत्र जांच’ की बात कहकर खुद को पाक साफ दिखाने की कोशिश की।

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हमले के बाद एक और मोड़ तब आया जब लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी कमांडर सैफुल्लाह कसूरी ने भी एक वीडियो जारी कर इस हमले में अपने संगठन की संलिप्तता से इंकार कर दिया। लेकिन खुफिया एजेंसियों के अनुसार, कसूरी ही इस हमले का मास्टरमाइंड है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि फरवरी 2025 में इस आतंकी हमले की साजिश रची गई थी, और 22 अप्रैल की तारीख तय की गई थी। कसूरी ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूरी गांव में लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के टॉप-5 कमांडरों को हमले का आदेश दिया, जिन्होंने बाद में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में बैठक कर हमला अंतिम रूप दिया। इस पूरे हमले में दो कश्मीरी युवकों ने आतंकियों की मदद की।

भारत ने इस हमले को बेहद गंभीरता से लिया और तुरंत कड़े फैसले लागू किए। भारत सरकार ने पाकिस्तान पर कूटनीतिक और रणनीतिक दोनों स्तरों पर दबाव बढ़ाया। सबसे पहले भारत ने पाकिस्तान के साथ दशकों पुराना सिंधु जल समझौता तोड़ने का ऐलान किया और उस पर अमल शुरू कर दिया। अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया गया, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए और उन्हें भारत छोड़ने का आदेश दिया गया। दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में राजनयिकों की संख्या भी कम कर दी गई। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में सक्रिय 7 आतंकियों के घरों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया।

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भारत की इस कड़ी प्रतिक्रिया से पाकिस्तान और उसके समर्थित आतंकी संगठनों की हड़बड़ी साफ नजर आ रही है। TRF का अचानक पलटा बयान यही दिखाता है कि अब भारत की रणनीति केवल आंतरिक सुरक्षा तक सीमित नहीं रह गई, बल्कि वह अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की दिशा में भी तेज़ी से काम कर रहा है।

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