धर्म डेस्क, 16 जुलाई। Sharadiya Navratri :हिन्दू धर्म में शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व है। हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। शारदीय नवरात्र 2025 इस वर्ष 22 सितंबर से प्रारंभ हो रहे हैं। इस अवसर पर घटस्थापना से लेकर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना तक, हर विधि का विशेष महत्व होता है।
शारदीय नवरात्र 2025 की तिथि
- आरंभ: 22 सितंबर 2025, रात 01:23 बजे से
- प्रतिपदा तिथि समाप्त: 23 सितंबर 2025, रात 02:55 बजे
- घटस्थापना इसी के अनुसार 22 सितंबर को की जाएगी।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
- प्रमुख मुहूर्त: सुबह 06:09 से 08:06 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:49 से दोपहर 12:38 बजे तक
इन दोनों समयों में घटस्थापना करना अत्यंत शुभ माना गया है।
घटस्थापना विधि और महत्व
- प्रातः स्नान करके तांबे, चांदी या मिट्टी के पात्र में कलश स्थापित करें।
- कलश में गंगाजल, सुपारी, अक्षत, सिक्का एवं आम के पत्ते डालें।
- कलश स्थापना के पश्चात देसी घी का दीपक जलाएं और मां दुर्गा का आह्वान करें।
- व्रत का संकल्प लें और नवरात्र के पूरे नौ दिन मां दुर्गा की विधिपूर्वक पूजा करें।
- घटस्थापना से घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
- पूजा के बाद गरीबों को भोजन कराना या मंदिर में दान देना पुण्यकारी माना जाता है।
घटस्थापना के समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- मन में किसी के प्रति दुर्भावना या द्वेष की भावना न रखें।
- वाद-विवाद से दूर रहें।
- काले रंग के वस्त्र न पहनें।
- घर और पूजा स्थान की सफाई अच्छी तरह करें।
धार्मिक महत्व
शारदीय नवरात्र मां दुर्गा के भक्तों के लिए सिद्धि, भक्ति और शक्ति का पर्व है। इन नौ दिनों में साधक को अपने शरीर, मन और कर्म को संयमित रखते हुए देवी आराधना करनी चाहिए। मान्यता है कि मां दुर्गा की कृपा से जीवन के संकट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।