Operation Brahma
म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने तेजी से राहत कार्य शुरू करते हुए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत 15 टन से अधिक राहत सामग्री और बचाव दल भेजे हैं। भारतीय वायुसेना के सी-130 जे विमान ने यांगून और नेपीडॉ में राहत सामग्री पहुंचाई। इस मिशन के जरिए भारत ने न केवल मानवीय सहायता का परिचय दिया, बल्कि पड़ोसी देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने का संदेश भी दिया।
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- भारत की त्वरित सहायता: भूकंप के कुछ ही घंटों में भारत ने सबसे पहले राहत पहुंचाने वाला देश बनकर अपनी भूमिका निभाई।
- भूकंप से तबाही: म्यांमार और थाईलैंड में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप में अब तक 1,644 लोगों की मौत, 3,408 घायल और 139 लोग लापता।
- राहत सामग्री: भारतीय वायुसेना के दो सी-130जे विमानों से 38 एनडीआरएफ कर्मी और 10 टन राहत सामग्री भेजी गई।
- नाम का महत्व: ‘ब्रह्मा’ सृष्टि के रचयिता माने जाते हैं, इसलिए इस ऑपरेशन का नाम पुनर्निर्माण और मदद के उद्देश्य को दर्शाता है।
- भारत का संदेश: यह मिशन दिखाता है कि भारत अपने पड़ोसियों की मदद के लिए हमेशा तत्पर है और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखना चाहता है।
Operation Brahma
वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि यह ऑपरेशन भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति का हिस्सा है और इससे दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत होंगे। चीन की बढ़ती दखल के बीच भारत अपने पड़ोसियों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश कर रहा है कि वह हर संकट की घड़ी में उनके साथ खड़ा है।
गौरतलब है कि भारत का ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ न केवल मानवीय सहायता का एक बड़ा उदाहरण है, बल्कि इससे भारत और म्यांमार के रिश्तों को भी नई मजबूती मिलेगी। यह मिशन दर्शाता है कि भारत क्षेत्र में स्थिरता और सहयोग को प्राथमिकता देता है।
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