Nominated members Rajya Sabha
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राज्यसभा के लिए नामित की गईं चार प्रतिष्ठित हस्तियों को लेकर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक रूप से उनके योगदान की सराहना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं। इन चारों में पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम, इतिहासकार मीनाक्षी जैन और केरल से बीजेपी नेता व शिक्षक सी सदानंदन मास्टर शामिल हैं।
Nominated members Rajya Sabha
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच X पर चारों दिग्गजों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये नामांकन सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि उनके जीवन भर के योगदान का राष्ट्रीय सम्मान है।
हर्षवर्धन श्रृंगला: भारत की विदेश नीति के सजग शिल्पी
पूर्व विदेश सचिव और G-20 अध्यक्षता में अहम भूमिका निभाने वाले हर्षवर्धन श्रृंगला को पीएम मोदी ने “श्रेष्ठ कूटनीतिज्ञ, रणनीतिक विचारक और बुद्धिजीवी” बताया। उन्होंने कहा, “श्रृंगला के विचारशील दृष्टिकोण से राज्यसभा की कार्यवाही समृद्ध होगी।”
उज्ज्वल निकम: कानून के मजबूत स्तंभ
26/11 मुंबई आतंकी हमले समेत कई हाई-प्रोफाइल मामलों में विशेष लोक अभियोजक रह चुके उज्ज्वल निकम को लेकर पीएम मोदी ने लिखा, “निकम जी का कानूनी क्षेत्र और हमारे संविधान के प्रति समर्पण अनुकरणीय है। वे न केवल एक सफल वकील हैं, बल्कि न्याय दिलाने में सदैव अग्रणी रहे हैं।”
Nominated members Rajya Sabha
सी सदानंदन मास्टर: साहस और शिक्षा के प्रतीक
केरल के वरिष्ठ भाजपा नेता और शिक्षक सी सदानंदन मास्टर के बारे में पीएम मोदी ने कहा, “उनका जीवन अन्याय के सामने न झुकने की मिसाल है। हिंसा और धमकियों के बीच भी वे राष्ट्रनिर्माण और युवा सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं।”
मीनाक्षी जैन: इतिहास और ज्ञान की साधिका
इतिहासकार और शिक्षाविद् मीनाक्षी जैन की विद्वता की भी पीएम मोदी ने मुक्तकंठ से प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “मीनाक्षी जी ने शिक्षा, साहित्य और इतिहास के क्षेत्र में जो योगदान दिया है, वह अकादमिक संवाद को नई ऊंचाइयों पर ले गया है।”
इन नामांकनों के ज़रिए यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले लोगों को संसद में लाकर नीति निर्माण की प्रक्रिया को और समृद्ध करना चाहती है।
बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत राष्ट्रपति राज्यसभा में 12 सदस्यों को नामित कर सकते हैं, जो कला, साहित्य, विज्ञान और सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियों वाले हों। इन चारों नामों को इसी श्रेणी में स्थान मिला है।