Nagpur Violence
हाईलाइटस
- फहीम खान के अवैध निर्माण पर NMC ने की बुलडोजर कार्रवाई
- 86.48 वर्ग मीटर का घर, पत्नी के नाम पर था रजिस्टर्ड
- CM फडणवीस का बड़ा बयान – “कानून की अनुमति मिली, तो बुलडोजर चलेगा”
- नागपुर में कर्फ्यू हटाया गया, 112 आरोपी गिरफ्तार, 33 पुलिसकर्मी घायल
नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी और कथित मास्टरमाइंड फहीम खान के खिलाफ प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए आज उसकी संपत्ति पर बुलडोजर की कार्रवाई की। नागपुर नगर निगम (NMC) और पुलिस की मौजूदगी में संजय बाग कॉलोनी में स्थित दो मंजिला मकान को अवैध निर्माण के तहत गिरा दिया गया।
Nagpur Violence
यह मकान फहीम खान की पत्नी जहिरुन्निसा के नाम पर पंजीकृत था और इसका क्षेत्रफल 86.48 वर्ग मीटर है। NMC ने 21 मार्च को नोटिस जारी कर 24 घंटे में खुद से ढांचा हटाने का निर्देश दिया था। लेकिन निर्देश की अनदेखी के बाद प्रशासन ने आज सुबह 10 बजे से कार्रवाई शुरू की।
क्या है मामला?
17 मार्च को नागपुर में धार्मिक स्थल और प्रतीकों के अपमान की अफवाह के बाद हिंसा भड़क गई थी। शहर के कई इलाकों में पथराव और आगजनी हुई, जिसके बाद प्रशासन ने 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया था।
फहीम खान, जो मोमिनपुरा में बुर्के की दुकान चलाता है, पर आरोप है कि उसने उत्तेजक वीडियो और बयान जारी किए, जिससे माहौल और बिगड़ गया। 20 मार्च को उसे गिरफ्तार किया गया और अदालत में पेश किया गया।
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फडणवीस सरकार का रुख सख्त
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि “यदि कानून इसकी अनुमति देता है, तो बुलडोजर का उपयोग किया जाएगा।” यह बयान उन्होंने तब दिया जब उनसे पूछा गया कि क्या महाराष्ट्र में भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर न्याय प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
अब तक की कार्रवाई:
- 112 आरोपी गिरफ्तार
- 33 पुलिसकर्मी घायल
- फहीम खान से जुड़े 2 दुकानों को सील किया गया
- संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त जारी
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नागपुर में स्थिति सामान्य
मुख्यमंत्री फडणवीस ने रविवार को ऐलान किया कि नागपुर में स्थिति अब पूरी तरह सामान्य है, इसलिए कर्फ्यू हटा दिया गया है। सभी समुदायों के लोग मिल-जुलकर रह रहे हैं और शांति का माहौल बना हुआ है।
बता दें कि नागपुर हिंसा के बाद प्रशासन की यह कार्रवाई संदेश देती है, कि कानून व्यवस्था को भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। फहीम खान पर चली बुलडोजर की कार्रवाई न केवल अवैध निर्माण के खिलाफ है, बल्कि यह कानून के राज को बनाए रखने की दिशा में एक कड़ा संदेश भी है।