रायपुर, 14 जुलाई। Monsoon Session of CG Assembly : छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन, शून्यकाल में नेता–प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पूरे राज्य में किसानों को खाद–बीज की कमी का मुद्दा उठाते हुए चर्चा की मांग की। इसके बाद सदन में भारी हंगामा और नारेबाज़ी हुई, जिससे कार्यवाही को 5 मिनट के लिए स्थगित किया गया।
विपक्ष की आवाज़
महंत ने कहा कि खाद की बहुल कमी से किसानों में गंभीर आक्रोश है और इस पर तत्काल चर्चा होनी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों को उचित मात्रा में खाद उपलब्ध कराने में विफल रही है; किसान मजबूरी में दोगुने दाम चुकाकर बाजार से खाद खरीद रहे हैं।
कृषि मंत्री का प्रतिवाद
रामविचार नेताम ने बताया कि सरकार ने फास्फेटिक खाद की कमी को पहले देख लिया था, अतः एसएसपी, एनपीके, और नैनो उर्वरक जैसी वैकल्पिक खाद का भंडारण किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि एनपीके खाद स्टॉक लक्ष्य से अधिक है, और 28 लाख हेक्टेयर से अधिक में बोआई पहले ही हो चुकी है।
अध्यक्ष की भूमिका और हंगामा
- कृषि मंत्री के वक्तव्य के बाद अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य करार दिया।
- विपक्ष के इस फैसले से निराश कांग्रेस विधायकों ने वेल में आकर जोरदार नारेबाजी की।
- इसके चलते सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
स्थिति
पक्ष | मुख्य बिंदु |
---|---|
विपक्ष (महंत–बघेल) | खाद–बीज की कमी, किसानों की दिक्कत |
सरकार/कृषि मंत्री | वैकल्पिक खाद भंडारण, NPK स्टॉक, समुचित बोआई |
विधिसमिता | स्थगन प्रस्ताव के बाद सदन स्थगित, अध्यक्ष का निर्णय |
आगे क्या हो सकता है?
विपक्ष इस मुद्दे को शेष चार बैठकों में पुनः उठाकर छोड़ सकता है (क्योंकि सत्र में अब तक 996 प्रश्न–विचार अपेक्षित हैं)। खाद और बीज की आपूर्ति प्रणाली में विफलताओं पर अधिकारियों को स्पष्टीकरण देने का निर्देश विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी हो सकता है। किसान संगठनों या विपक्ष के प्रदर्शनों/ज्ञापनों के जरिए यह मुद्दा बाहर भी सुर्खियों में बने रहने की संभावना है, जैसा कि अंबिकापुर में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत की गिरफ्तारी के दौरान हुआ था।
महत्वपूर्ण किसान–हित का यह मुद्दा मानसून सत्र की पहली ही बैठक (Monsoon Session of CG Assembly) में जोरदार राजनैतिक टकराव के साथ सामने आया। विपक्ष का आरोप है कि खाद–बीज का संकट गंभीर है, जबकि सरकार ने स्टॉक की जानकारी देकर स्थिति को नियंत्रित बताने की कोशिश की है। हालांकि इससे पहले स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य करार देकर और सदन स्थगित कर परिस्थिति को फिलहाल शांत किया गया है।