महाशिवरात्रि 2024: सर्वार्थसिद्धि, शिव योग और शुक्र प्रदोष व्रत के संयोग में मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर गुरुवार को भोलेनाथ की बरात निकाली जाएगी। भूत, प्रेत के साथ देवगण का रूप धारण कर युवा बरात में शामिल होंगे।
बरात में शामिल होंगे भूत-प्रेत और देवगण:
गुरुवार को भोलेनाथ की बरात निकाली जाएगी। भूत, प्रेत और देवगण बरात में शामिल होंगे। बरात में ढोल-नगाड़े, शहनाई और भजन की धुन बजती रहेगी। बरात शहर के विभिन्न मार्गों से होकर गुजरेगी।

महाशिवरात्रि का मुख्य त्योहार शुक्रवार को मनाया जाएगा
भक्त शिवालयों में जाकर पूजा-अर्चना करेंगे। भगवान शिव का अभिषेक किया जाएगा। रात भर भक्त जागरण करेंगे अगले दिन शिव-पार्वती के विवाह का उत्सव मनाया जाएगा।

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विवाह समारोह:
शुक्रवार को चंद्रशेखर रूप में भगवान शिव और पार्वती का विवाह होगा। विवाह समारोह में भक्त शामिल होंगे। भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाएगा।
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि का त्योहार भगवान शिव और पार्वती के विवाह का प्रतीक है। यह त्योहार भक्तों के लिए मोक्ष प्राप्ति का अवसर माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।