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Lebanon Pager Blast : लेबनान में पेजर्स विस्फोट में आठ लोगो की मौत, मृतकों में शामिल हिजबुल्लाह सांसद का बेटा और उग्रवादी समूह मेंबर की दस वर्षीय बेटी, 2750 घायल

Lebanon Pager Blast

लेबनान में हिज्बुल्लाह के लोगो के पेजर्स में हुए सीरियल ब्लास्ट में आठ लोगों की दर्दनाक मौत हुई। मिली जानकारी के मुताबिक मरने वालों में हिजबुल्लाह सांसद का बेटा भी शामिल है। वही हादसे में उग्रवादी समूह के मेंबर की दस वर्षीय बेटी की भी मौत हुई है। वहीं 2750 लोगों के घायल होने की खबर है।

घायलों में ईरान के राजदूत मोजीतबा अमानी और हिज्बुल्लाह के लड़ाके भी हैं। वहीं खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक 200 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। घायलों में स्वास्थ्यकर्मी, ईरान के राजदूत मोजीतबा अमानी और हिज्बुल्लाह के लड़ाके शामिल हैं।

हिज्बुल्लाह ने इसमें इजराइल का हाथ होने का आशंका जताई है। सीरियल ब्लास्ट के बाद लेबनान सरकार ने सभी लोगों से अपने पास रखे पेजर फेंकने के लिए कहा है। पेजर के अलावा रेडियो और ट्रांसमीटर भी ब्लास्ट होने की सूचना है। पेजर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिससे कोई मैसेज भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वहीं पेजर के जरिए हुए हमले से दुनिया भर के एक्सपर्ट हैरान हैं।

Lebanon Pager Blast

बता दें कि हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्लाह ने समूह के सदस्यों को इससे पहले सेलफोन न रखने की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि फोन का इस्तेमाल इजराइल की ओर से उनकी गतिविधियों को ट्रैक किया जा सकता है। यहीं नही इजराइली सेना इसके जरिए उनपर हमले भी कर सकती है। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी अस्पतालों से आपातकालीन विभाग में मरीजों को भर्ती करते वक्त सतर्क रहने और जिन लोगों के पास पेजर हैं, उनसे दूर रहने को कहा है।

हिज्बुल्लाह ने कहा, हम ब्लास्ट के बारे में पता लगा रहे हैं
पेजर ब्लास्ट पर हिज्बुल्लाह ने कहा कि इन ब्लास्ट के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। हालांकि हम इसके कारणों के बारे में पता लगा रहे हैं। हिज्बुल्लाह की एजेंसियां विस्फोटों के कारणों का पता लगाने में जुटी हैं। घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

जानिए पेजर क्या है

पेजर एक वायरलेस डिवाइस होता है जिसे बीपर के नाम से जाना जाता है। पेजर का पहली बार इस्तेमाल अमेरिका के न्यूयाॅर्क में हुआ था। तब पेजर के जरिए 40 किमी. की रेंज में मैसेज भेजा जा सकता था। 1980 के बाद इसका इस्तेमाल पूरी दुनिया में होने लगा। 2000 के बाद वाॅकीटाॅकी और मोबाइल फोन का इस्तेमाल बढ़ने के बाद पेजर का उपयोग कम हो गया।

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