Isro launch gaganyaan mission
भारतीय स्पेस एजेंसी (इसरो) पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई हैं। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो चंद्रयान-4 और गगनयान मिशन पर द्रुत गति से काम कर रहा है। इसी के तहत इसरो चीफ एस सोमनाथ ने आगामी अंतरिक्ष मिशन सहित कई योजनाओं को लेकर अहम घोषणा की है। एस सोमनाथ के अनुसार, इसरो साल 2026 में गगनयान मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है।
वहीं चंद्रयान मिशन साल 2028 में लॉन्च किया जा सकता है। इसके अलावा भारत-अमेरिका साझा NISAR मिशन अगले वर्ष शुरू होने की जानकारी दी। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ शनिवार को आकाशवाणी (ऑल इंडिया रेडियो) में सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर में भारत के आगामी मिशन के साथ-साथ उन्होंने वैश्विक स्पेस इकॉनमी में भारत की भागीदारी बढ़ाने पर भी बात की।
Isro launch gaganyaan mission
चंद्रयान-4 कब तक
सोमनाथ ने बताया, ‘चंद्रयान-4 एक बहुत भारी मिशन होगा, इसमें लैंडर भारत द्वारा प्रदान किया जाएगा, जबकि रोवर जापान से आएगा। चंद्रयान-3 पर रोवर का वजन केवल 27 किलोग्राम था। चंद्रयान-3 का रोवर सिर्फ 27 किलोग्राम का था, लेकिन इस मिशन में इसका वजन 350 किलोग्राम होगा।
यह मिशन चंद्रमा पर इंसानों के उतरने के मिशन को और आगे ले जाने का काम करेगा। उन्होंने भारत ने 2040 तक चंद्रमा पर मानवयुक्त मिशन भेजने की योजना का अनावरण किया है। वहीं भारत और अमेरिका के संयुक्त अभियान NISAR को साल 2025 में लॉन्च करने की योजना है।
Isro launch gaganyaan mission
आकाशवाणी में हुए कार्यक्रम के दौरान इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को विस्तार देने की जरूरत है। आगे उन्होंने कहा कि अभी वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष क्षेत्र में इसरो का योगदान सिर्फ दो प्रतिशत है और इस दशक में इसे बढ़ाकर कम से कम 10 प्रतिशत करने का लक्ष्य है।
इस वृद्धि के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी, उद्यमिता को सक्षम बनाने वाली नई नीतियों की जरूरत है। इसके साथ ही इसरो प्रमुख ने कहा कि, ‘कई बड़े और छोटे उद्योगों ने अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश करने में रुचि दिखाई है और बहुत सी चीजें जो पारंपरिक रूप से केवल इसरो द्वारा की जा सकती थीं, अब निजी उद्योग द्वारा की जा रही हैं।’