Iran Israel War Update
मध्य पूर्व में जारी तनाव के बीच एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। इजराइल और ईरान के बीच लगातार 12 दिनों तक चले युद्ध के बाद 24 जून 2025 को युद्धविराम (सीजफायर) पर सहमति बनी। इस ऐतिहासिक समझौते में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की निर्णायक भूमिका रही, जिसे लेकर अब उन्हें 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि “ईरान और इजराइल दोनों ही युद्धविराम चाहते थे। वे मेरे पास आए और मैंने उन्हें शांति का रास्ता दिखाया।” उन्होंने यह भी कहा कि ईरान की परमाणु सुविधाओं को नष्ट करने और युद्ध रोकने को वह अपने लिए ‘सम्मान’ की बात मानते हैं।
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हालांकि सीजफायर के तुरंत बाद दोनों पक्षों की ओर से कुछ हमले हुए, जिसके बाद ट्रंप ने इजराइल पर नाराजगी जताई और चेताया कि “ईरान पर बम मत गिराओ, सीजफायर का उल्लंघन मत करो।”
ट्रंप ने स्पष्ट किया कि वे ईरान में सत्ता परिवर्तन नहीं चाहते, क्योंकि “वहां बहुत सारा तेल है और वे खुद को फिर से बना सकते हैं।” उनका कहना था कि ईरान अब एक व्यापारिक राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है, जो परमाणु हथियारों का निर्माण नहीं करेगा।
इस ऐतिहासिक समझौते के लिए अमेरिकी सांसद बडी कार्टर और पाकिस्तानी उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने की सिफारिश की है। इन्होंने कहा कि ट्रंप की निर्णायक कूटनीति ने न केवल मध्य-पूर्व बल्कि भारत-पाकिस्तान जैसे संवेदनशील क्षेत्र में भी तनाव कम किया।
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हालांकि भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सीजफायर को ट्रंप की मध्यस्थता से जोड़ने से इनकार कर दिया है। भारत का कहना है कि यह द्विपक्षीय स्तर पर डीजीएमओ की पहल से हुआ समझौता था।
ट्रंप के इस नए अवतार को कई विशेषज्ञ “व्यावसायिक रणनीति और नरम कूटनीति का मिश्रण” मान रहे हैं, जो उन्हें एक बार फिर वैश्विक नेता के रूप में उभार सकता है।
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