नई दिल्ली. भारतीय युवाओं को रुस में नौकरी देने का ऑफर देकर उन्हें युध्द लड़ने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, दरसल रुस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है, ऐसे में रुस अपनी सेना को मजबूती देने के लिए भारतीय युवाओं को शामिल करना चाहता है, रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बकायदा इस काम के लिए एजेंट नियुक्त किया गया है जो युवाओं की भर्ती ले रहा है, हालांकि इस पूरे सिंडिकेट का खुलासा हो चुका है, एजेंड की गिरफ्तारी भी हुई है और अब विदेश मंत्रालय ने इस पूरे मामलें में संज्ञान लिया है.
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रुस के पास सेना का अभाव है, ऐसे में दुनिया भर के युवाओं को यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए ऑफर भेजा जा रहा, बीते 2 सालों की जंग में लाखों रूसी सेना मारी गई है, इसलिए अब अन्य देशों के युवाओं को सेना में शामिल किए जाने का ऑफर दिया जा रहा है, इतना ही नही कोई युवा यदि इसमें शामिल होता है तो उसे नौकरी तन्खा के साथ साथ रुसी नागरिकता भी दी जाएगी.
रूस में यूक्रेन के साथ युध्द के लिए जबरन भारतीय युवाओं को भर्ती किए जाने के आरोपों पर विदेश मंत्रालय ने भारतीय युवाओं से अपील की है कि वे इस जंग से दूर रहें, भारत सरकार ने कहा कि भारतीय युवा रूस में सेना की सेवाओं में शामिल नहीं हों और संघर्ष से दूर रहें. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया से कहा कि हम जानते हैं कि कुछ भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना में सहायक कामों के लिए नौकरी में शामिल हुए हैं.
उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास के अधिकारी उन्हें इन सेवाओं से शीघ्र मुक्त कराने के लिए रूसी अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई भारतीय युवा रूस की सेना में काम कर रहे हैं, इन लोगों को युद्ध के मोर्चे पर रखा गया है और सिक्योरिटी हेल्पर्स के तौर पर उन्हें शामिल किया गया है. इसके अलावा कई भारतीय नागरिकों के रूस और यूक्रेन की सीमा पर फंसे होने की खबरें भी आ रही हैं, ये लोग मारिउपोल, खारकीव और रोस्तोव-ऑन-दोव में फंसे हुए हैं, कुछ अपुष्ट खबरों में तो यहां तक कहा गया है कि कई भारतीयों की यहां फंसे रहने के दौरान मौत भी हो चुकी है.