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Thursday, June 19, 2025

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Holi Festival 2024 : शहर और ग्रामीण अंचलों में परंपराओं का तानाबाना

Holi Festival 2024

वसंत पंचमी के आगमन के साथ ही, शहरों और गांवों में होली का उत्साह रंगों में उतरने लगता है। फाग के गीतों की मधुर धुनों से वातावरण गुंजायमान हो जाता है। शहरी क्षेत्रों में होली मनाने का तरीका थोड़ा आधुनिक हो गया है, जबकि ग्रामीण अंचलों में आज भी परंपराओं का पालन पूरे उत्साह के साथ किया जाता है।

फाग प्रतियोगिता का आयोजन

वसंत पंचमी के साथ ही शहर से लेकर गांव में फाग शुरू हो जाता है। ग्रामीण अंचल का अपना अलग अंदाज होता है। दिनभर हाड़तोड़ मेहनत और रात में फाग के धून में अपनी थकान मिटाते नजर आते हैं ग्रामीण। यह सिलसिला देर रात तक चलते रहता है। जैसे-जैसे हाेली का पर्व नजदीक आते जाता है फाग का रस भी उसी अंदाज में बढ़ने लगता है। होली के आते-आते फाग सुबह से लेकर रात तक चलना शुरू हो जाता है। होलिका दहन के दिन तो यह उत्सव प्रतियाेगिता में बदल जाता है। जगह-जगह फाग गायन प्रतियोगिता आयोजन किया जाता है। प्रतियोगिता के बहाने लोगों को जुड़ाव होता है और परंपरा का निर्वहन भी।

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शहरी होली:

रंगों का खेल: शहरों में होली रंगों का त्योहार बन गया है। लोग एक-दूसरे पर रंग डालकर खुशी मनाते हैं।डीजे और पार्टी: शहरों में डीजे की धुनों पर होली पार्टियों का आयोजन किया जाता है।पानी का प्रयोग: कुछ स्थानों पर पानी का भी खूब इस्तेमाल होता है।रंगों की थीम: कुछ लोग एक विशेष रंग की थीम चुनकर होली मनाते हैं।

ग्रामीण होली:

  • परंपराओं का पालन: ग्रामीण अंचलों में होली परंपराओं के अनुसार मनाई जाती है।होलिका दहन: होलिका दहन का विशेष महत्व होता है।
  • फाग गीत: फाग गायन की परंपरा आज भी जीवित है।धार्मिक अनुष्ठान: धार्मिक अनुष्ठानों का पालन भी किया जाता है।
  • सामाजिक समरसता: होली लोगों को एकजुट करती है और सामाजिक समरसता का प्रतीक बनती है।ग्रामीण होली का
  • अंदाजपारंपरिक रंग: ग्रामीण अंचलों में लोग प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करते हैं।मिट्टी के बर्तन: रंगों को मिट्टी के बर्तनों में रखा जाता है।
  • ढोल-नगाड़े: ढोल-नगाड़ों की धुनों पर लोग नाचते-गाते हैं।गुड़-नारियल: होली के अवसर पर गुड़ और नारियल का वितरण किया जाता है।
  • सामाजिक भोज: होली के बाद सामाजिक भोज का आयोजन किया जाता है।होली का त्योहार चाहे शहर में मनाया जाए या गांव में, यह खुशी और उल्लास का प्रतीक है। यह त्योहार लोगों को एकजुट करता है और सामाजिक समरसता का भाव जागृत करता है।

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