Gariaband News
गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के पितई बंद गांव में चल रही अवैध रेत खदान का कवरेज करने पहुँचे पत्रकारों पर हुए हमले ने प्रशासन को झकझोर दिया है। सोमवार को रेत माफिया के गुर्गों ने पत्रकारों पर जानलेवा हमला कर दिया, जिसके बाद पूरे जिले में आक्रोश फैल गया।
पत्रकार संगठनों की ओर से कलेक्टर भगवान सिंह यूईके और एसपी निखिल राखचे से तत्काल कार्रवाई की मांग की गई। दोनों अधिकारियों ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए जिला खनिज अधिकारी रोहित साहू को शोकाज नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है कि आखिर अब तक अवैध खनन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
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जिले में देवभोग के ‘पुराना पानी घाट’ को छोड़कर करीब 17 से अधिक अवैध रेत खदानें संचालित हो रही थीं। पत्रकारों पर हमले के बाद इनमें से कई खदानें अस्थायी रूप से बंद हो गई हैं, लेकिन कई अब भी गुपचुप तरीके से सक्रिय हैं।
प्रशासन ने अब अवैध खनन पर लगाम कसने की दिशा में सख्त रुख अपनाया है –
- खदानों तक भारी वाहनों की पहुँच रोकने स्टॉपेज स्ट्रक्चर बनाए जाएंगे।
- अस्थायी रैंप ध्वस्त किए जाएंगे।
- अवैध गतिविधियों में लिप्त पंचायतों को अलर्ट किया गया है।
- तहसीलदारों और एसडीएम को तत्काल कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं।
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इस त्वरित प्रशासनिक प्रतिक्रिया को अवैध रेत खनन पर नकेल कसने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। पत्रकारों के खिलाफ हिंसा की निंदा करते हुए, पत्रकार संगठनों ने सभी अवैध खदानों को पूरी तरह से बंद करने की फिर से माँग दोहराई है।
वहीं इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सच्चाई की पड़ताल करना जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन जब चौथे स्तंभ पर हमला होता है, तो पूरे तंत्र को जवाबदेह होना ही पड़ता है। गरियाबन्द में अब अवैध रेत माफिया की राह आसान नहीं दिखती।