Congress INDIA Alliance Meeting
नई दिल्ली। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा की सांसद सोनिया गांधी को शनिवार को एक बार फिर से कांग्रेस संसदीय दल का का प्रमुख चुना गया। संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोनिया गांधी को सीपीसी प्रमुख नियुक्त करने का प्रस्ताव पेश किया जिसका पार्टी के सांसदों ने सर्वसम्मति से अनुमोदन किया।
सोनिया गांधी को सीपीसी प्रमुख चुने जाने से पहले पार्टी की कार्य समिति की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी से आग्रह किया गया कि वह लोकसभा में नेता विपक्ष की जिम्मेदारी संभालें।
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सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के अशोका होटल में करीब 3 घंटे चली CWC की मीटिंग में राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाने के लिए पार्टी सांसदों ने एक प्रस्ताव भी पारित किया। इस पर राहुल ने कहा, ‘मुझे सोचने का वक्त दीजिए।’ यह पद पिछले 10 साल से खाली है। तो वही बैठक में यह संकेत भी मिला है कि राहुल वायनाड सीट छोड़कर रायबरेली सीट अपने पास रखेंगे।
लोकसभा में पिछले 10 साल से नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी खाली है। 2014 में कांग्रेस ने 44 सीटें और 2019 में 52 सीटें में जीत हासिल की थीं। भाजपा के बाद सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस को मिली थीं। फिर भी कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी नहीं मिली थी।
बता दे, नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए किसी भी पार्टी के पास लोकसभा की कुल सीटों का 10 प्रतिशत सीटें होना चाहिए। यानी 543 सीटों में से कांग्रेस को इसके लिए 54 सांसदों की जरूरत होती है। कांग्रेस ने इस बार अपने दम पर 99 सीटें हासिल की हैं।
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तो वही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘इस बात में कोई संशय नहीं है कि कांग्रेस ने कई राज्यों में प्रशंसनीय प्रदर्शन किया है, लेकिन इस बात को भी सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता कि जिन राज्यों में पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, वहां हमें आत्मचिंतन करने की जरूरत है।
वही बैठक में केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए कुछ राज्यों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दुर्भाग्यपूर्ण प्रदर्शन को स्वीकार करते हुए और मेहनत करने का संकल्प लेती है।