धर्म डेस्क, 07 सितंबर। Chandra Grahan : ग्रहण का मूलांक ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह उस दिन के ऊर्जा और प्रभाव को दर्शाता है। आपने बताया कि 7 सितंबर 2025 का मूलांक 7 है, जो केतु का प्रतिनिधित्व करता है। आइए समझते हैं इसका क्या मतलब हो सकता है-
मूलांक 7 और ग्रहण का प्रभाव
- केतु का प्रभाव: मूलांक 7 के कारण केतु की ऊर्जा अधिक प्रभावी होती है। केतु रहस्य, आध्यात्म, ध्यान, और रहस्यमय शक्तियों का ग्रह माना जाता है। यह मानसिक शांति, ध्यान-एकाग्रता और आत्मा की खोज से जुड़ा होता है। हालांकि, केतु अप्रत्याशित घटनाओं, भ्रम और छुपे हुए खतरों का भी सूचक हो सकता है।
- ग्रहण के साथ केतु: चंद्र ग्रहण के समय केतु का प्रभाव बढ़ जाता है, जिससे लोगों में मानसिक तनाव, चिंता, भ्रम और अनिश्चय की भावना हो सकती है। यह समय सजगता और सावधानी बरतने का होता है।
- सकारात्मक पहलू: ध्यान, योग, और आध्यात्मिक साधना के लिए यह समय अनुकूल माना जाता है। इस अवधि में मन शांत कर आध्यात्मिक विकास की दिशा में काम करना लाभकारी होगा।
- सावधानियां: ग्रहण के दौरान नए कार्य शुरू करने या महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचना चाहिए। यात्रा और निवेश में भी सतर्कता जरूरी होती है।
मूलांक 1 (सूर्य का प्रतिनिधित्व)
- प्रभाव: नए विचार और नेतृत्व की ऊर्जा मिलेगी। निर्णय लेने में साहस बढ़ेगा।
- सावधानी: अहंकार और जिद से बचें, ग्रहण के दौरान क्रोध नियंत्रण में रखें।
मूलांक 2 (चंद्रमा का प्रतिनिधित्व)
- प्रभाव: संवेदनशीलता बढ़ेगी, रिश्तों में समझदारी आएगी।
- सावधानी: भावुकता में बढ़ोतरी हो सकती है, निर्णय सोच-समझकर लें।
मूलांक 3 (बुध का प्रतिनिधित्व)
- प्रभाव: संचार और बुद्धिमत्ता बढ़ेगी, नए विचारों का विकास होगा।
- सावधानी: मन अधिक व्याकुल और बेचैन हो सकता है, ध्यान केंद्रित रखें।
मूलांक 4 (राहु का प्रतिनिधित्व)
- प्रभाव: मेहनत और लगन से काम बनेंगे, स्थिरता आएगी।
- सावधानी: तनाव और बाधाएं आ सकती हैं, धैर्य बनाए रखें।
मूलांक 5 (पंचम योग का)
- प्रभाव: उत्साह, साहस और सामाजिक संपर्क बढ़ेंगे।
- सावधानी: आवेगपूर्ण फैसलों से बचें, व्यवहार में संयम रखें।
मूलांक 6 (शुक्र का प्रतिनिधित्व)
- प्रभाव: प्रेम, सौंदर्य और सामंजस्य की भावना प्रबल होगी।
- सावधानी: मोह में फंसे बिना विवेक से काम करें।
मूलांक 7 (केतु का प्रतिनिधित्व)
- प्रभाव: आध्यात्मिक उन्नति, मन का विश्लेषण, रहस्यमय अनुभव होंगे।
- सावधानी: भ्रम, चिंता और अकेलापन महसूस हो सकता है।
मूलांक 8 (सूर्य और शनि का मिश्रण)
- प्रभाव: धैर्य और अनुशासन के साथ चुनौतियों का सामना होगा।
- सावधानी: कार्यक्षेत्र में विवाद और तनाव हो सकते हैं, संयम जरूरी।
मूलांक 9 (मंगल का प्रतिनिधित्व)
- प्रभाव: ऊर्जा और सक्रियता बढ़ेगी, नेतृत्व के अवसर मिलेंगे।
- सावधानी: विवाद और उग्रता से बचें, सोच-समझकर काम करें।
सलाह
- ग्रहण काल में नए काम की शुरुआत टालें।
- पूजा-पाठ, ध्यान और मंत्र जाप करें।
- ग्रहण के बाद स्नान कर शुद्धि करें।
- गर्भवती महिलाओं और बच्चों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।