रायपुर, 16 जुलाई। CG Monsoon Session : छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार का दिन प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) को लेकर गरमागरम बहस का गवाह बना। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने योजना में हो रही शिकायतों, गड़बड़ियों और रिश्वतखोरी को लेकर सरकार को घेरा। इस दौरान भावावेश में उनके मुंह से एक अनुचित शब्द निकल गया, जिसे उन्होंने तुरंत वापस लेते हुए माफी मांगी, और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने उस शब्द को सदन की कार्यवाही से विलोपित कर दिया।
डॉ. महंत ने लगाए गंभीर आरोप
डॉ. महंत ने कहा कि सीएम ने खुद यह घोषणा की थी कि जिन जिलों में पीएम आवास में रिश्वत की शिकायतें मिलेंगी, वहां के कलेक्टर को निलंबित किया जाएगा। उन्होंने तखतपुर विधानसभा, कबीरधाम जिले के कुकदुर गांव, बैगा परिवारों से अवैध वसूली, और अपने तथा गृह मंत्री के जिलों में हुई शिकायतों का हवाला दिया। उन्होंने पूछा: “क्या इन जिलों के कलेक्टरों को निलंबित किया जाएगा?”
मंत्री विजय शर्मा का जवाब
मत्री ने कहा, “हम गंभीरता से जांच कराएंगे, उसके बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने डॉ. महंत के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, “केंद्र सरकार ने आवास दिए, लेकिन कांग्रेस सरकार ने उन्हें मंजूरी नहीं दी। पूर्व सीएम ने केंद्रीय प्रस्तावों को भी ठुकरा दिया था।”
मनरेगा और भुगतान की स्थिति पर भी उठा सवाल:
डॉ. महंत ने कहा कि मनरेगा के तहत शत-प्रतिशत भुगतान नहीं हुआ है। उन्होंने बीजापुर, सुकमा, बस्तर, दंतेवाड़ा, कोंडागांव और जशपुर जैसे जिलों का उदाहरण देते हुए बताया कि बीजापुर में तो सिर्फ 38% राशि ही दी गई है। पूछा गया कि क्या बाकी राशि का भुगतान होगा या नहीं?
सदन में दस्तावेज रखने की पेशकश
डॉ. महंत ने कहा कि वह ऊपर तक शिकायत करेंगे और विधानसभा अध्यक्ष से अनुमति मांगी कि वे इस संबंध में पूरे दस्तावेज सदन के पटल पर रखें। इस पर स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने कहा, “आप वरिष्ठ हैं, फोटो दस्तावेजों को कितना और कैसे सदन में रखा जाए, ये आप भलीभांति जानते हैं।”
बहस गरम, पर गरिमा बनी रही
हालांकि बहस के दौरान आरोप-प्रत्यारोप और तीखे संवाद चले, लेकिन सदन की कार्यवाही शालीनता और संवैधानिक मर्यादा के भीतर ही रही। डॉ. महंत द्वारा शब्द वापसी और स्पीकर द्वारा विलोपन की घोषणा ने सदन की गरिमा को बनाए रखा।
यह स्पष्ट है कि
प्रधानमंत्री आवास योजना छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक संवेदनशील और विवादास्पद मुद्दा बन चुका है। विपक्ष ने इसे लेकर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की, वहीं मंत्री विजय शर्मा ने केंद्र और राज्य सरकार की भूमिका पर साफ सफाई दी।