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Friday, July 18, 2025

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CG Assembly : विधानसभा घेराव की कोशिश पर भिड़े दिव्यांग और पुलिस…! महिलाओं को घसीटकर जबरन बैठाया गाड़ियों में…यहां देखें VIDEO

रायपुर, 16 जुलाई। CG Assembly : राजधानी रायपुर में आज उस समय तनावपूर्ण स्थिति बन गई जब दिव्यांग संघ के प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच विधानसभा घेराव को लेकर झड़प हो गई। दिव्यांग संघ के सैकड़ों लोग अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर विधानसभा की ओर मार्च कर रहे थे, तभी उन्हें विधानसभा रोड पर पुलिस ने रोक दिया। इस दौरान जमकर धक्का-मुक्की और हंगामा हुआ।

क्या थीं दिव्यांग संघ की मांगें?

दिव्यांग संगठन लंबे समय से जिन मांगों को लेकर सरकार से संवाद कर रहा है, उनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  1. दिव्यांगों को स्थायी रोजगार की गारंटी
  2. पेंशन में बढ़ोतरी
  3. सभी विभागों में 4% आरक्षण का पालन
  4. पुनर्वास योजना का शीघ्र क्रियान्वयन
  5. सरकारी संस्थानों में सहायक उपकरण की उपलब्धता
  6. जिला स्तर पर दिव्यांग कल्याण अधिकारी की नियुक्ति

हंगामे के दृश्य और आरोप

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक हटाया, महिलाओं और पुरुषों को घसीटते हुए गाड़ियों में बिठाया गया। कई दिव्यांगों का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, महिलाओं को जबरन खींचा गया, जिससे मानवाधिकारों के उल्लंघन का सवाल उठ रहा है। तूता धरनास्थल ले जाने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिसकर्मी दिव्यांग महिलाओं को खींचते हुए दिखाई दे रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों की प्रतिक्रिया

दिव्यांग संघ के एक प्रतिनिधि ने कहा, “हम शांतिपूर्ण ढंग से अपनी जायज़ मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने हमारे साथ बर्बरता की। महिलाओं को गाड़ियों में घसीटा गया। क्या हमारे लिए लोकतांत्रिक अधिकार नहीं हैं?”पुलिस अधिकारियों ने कहा कि, “सुरक्षा व्यवस्था के तहत विधानसभा की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को रोकना जरूरी था। बल प्रयोग अनिवार्य हुआ क्योंकि प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश कर रहे थे।” 

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया की संभावना

इस घटना के बाद विपक्ष और सामाजिक संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया आने की संभावना है। दिव्यांगों पर कथित बल प्रयोग को लेकर राजनीतिक दल सरकार को घेर सकते हैं। दिव्यांग संघ के प्रतिनिधियों को तूता धरनास्थल पर बैठने की अनुमति दी गई है। सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। मामला गरमाता नजर आ रहा है, और आने वाले समय में इस पर बड़ा राजनीतिक विवाद भी खड़ा हो सकता है।

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