रायपुर, 16 अक्टूबर। Bihaan : जांजगीर-चांपा जिले के जनपद पंचायत बम्हनीडीह अंतर्गत बिर्रा गांव की श्रीमती रश्मि कहरा ने यह साबित कर दिखाया है कि मजबूत इरादे, थोड़ी मदद और सही मार्गदर्शन से ग्रामीण महिलाएं भी आत्मनिर्भरता की मिसाल बन सकती हैं। रश्मि अब हर महीने करीब 20,000 रुपये की नियमित कमाई कर रही हैं और अपने परिवार के साथ-साथ गांव की अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बनी हुई हैं।
रश्मि ने अपनी आजीविका की शुरुआत रानी लक्ष्मीबाई स्व-सहायता समूह से जुड़कर की। बिहान योजना के तहत उन्हें समुदायिक निवेश कोष से ₹25,000 का ऋण मिला, जिससे उन्होंने 1000 वर्गफीट की सेंट्रिंग प्लेट्स तैयार करवाईं। इन प्लेट्स को उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) सहित अन्य निर्माण कार्यों में किराये पर देना शुरू किया, जिससे उनकी आमदनी शुरू हुई और धीरे-धीरे आर्थिक हालात बेहतर होते गए।
रश्मि ने बताया, “पहले घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी, बच्चों की पढ़ाई और घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया था। लेकिन समूह से जुड़ने के बाद मेरे जीवन की दिशा ही बदल गई। अब मैं खुद कमा रही हूं, बच्चों की पढ़ाई करवा रही हूं और आत्मनिर्भर हूं।”
गांव की अन्य महिलाएं भी रश्मि की सफलता से प्रेरित होकर आजीविका गतिविधियों से जुड़ रही हैं। बिहान योजना के जिला अधिकारी का कहना है कि रश्मि की उपलब्धि यह साबित करती है कि अगर महिला को सही अवसर और सहयोग मिले, तो वह परिवार ही नहीं, पूरे समाज की आर्थिक रीढ़ बन सकती है।
आज बिर्रा गांव की रश्मि कहरा केवल एक महिला उद्यमी नहीं, बल्कि बिहान योजना से निकली सफलता की उड़ान की जीती-जागती मिसाल हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देते हुए रश्मि कहती हैं, “सरकार की योजनाएं अगर जमीनी स्तर पर पहुंचे, तो गांव की महिलाएं भी खुद के पैरों पर खड़ी हो सकती हैं।”