होली का त्योहार पूरे देश में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है, इस साल होली 25 मार्च को मनाई जाएगी, लेकिन हरियाणा के कैथल जिले में एक ऐसा गांव है जहां पिछले 300 साल से होलिका दहन नहीं होता, तभी यहां रंग भी नहीं खेला जाता है. इसका कारण आपको बताते हैं.

कैथल जिले के रहने वालों का ऐसा कहना है कि होलिका दहन के दिन एक साधु ने ग्रामीणों को श्राप दिया था, किसी अनहोनी के घटने से दुसेरपुर के ग्रामीण लगभग 300 साल से होली का त्योहार नहीं मनाते. यहां 300 साल पहले होलिका दहन मनाने के लिए गांव के लोगोंने सुखी लकड़ियां, उपले और अन्य सामान इकट्ठा किया.
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लेकिन होलिका दहन के सुनिश्चित समय से पहले कुछ युवाओं को शरारत सुझी युवाओं ने समय से पहले होलिका दहन करने लगे, ऐसा होता देख गांव में स्नेही राम के साधु ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने और उन्होंने साधु के छोटे कद होने का मजाक मनाया, साधु के रोकने पर भी वे नहीं रुके और होलिका दहन कर दिया.ॉ
ऐसा करने से साधु को गुस्सा आया और उन्होने जलती होली में छलांग लगा दी, साथ ही ग्रामीणों को श्राप दे दिया कि आज के बाद से इस गांव में होली नहीं मनाई जाएगी, जो भी ऐसा करेगा उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, इस घटना के बाद से ही कैथल के इस गांव में होली का त्योहार नहीं मनाया जाता. श्राप देते समय बाबा ने श्राप से मुक्त होने का उपाय भी बताया था. उन्होंने कहा था कि होली के दिन अगर के इस गांव में किसी के भी घर गाय को बछड़ा या किसी के घर में लकड़ा पैदा होता है तो इस श्राप से मुक्ति मिल जाएगी.