Bihar Flood Alert
नेपाल में हो रहे लगातार भारी बारिश से बिहार के हालात बद से बदतर हो गए है। राज्य की कई नदियों के उफान से लाखों लोगो का जीवन अस्त वस्त हो गया है। राज्य के 13 जिले बुरी तरह प्रभावित हैं, जिसमें गोपालगंज, सहरसा, सुपौल, मधुबनी, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण समेत कई अन्य जिले शामिल हैं। वहीं नदी के किनारे इलाकों से लोगों को हटा कर सुरक्षित जगह पर ले जाया जा रहा है।
एसडीआरएफ की टीमें बचाव और राहत कार्य में लगी हुई हैं। प्रशासन मुनादी कराकर लोगों को पानी में डूबे घरों को छोड़ने की अपील कर रहा है। इस बार की बाढ़ की वजह नेपाल में हुई भारी बारिश और वहां से छोड़ा गया पानी है। नेपाल के बांधों से छोड़े गए पानी ने बिहार की नदियों में जलस्तर को खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया है। इसके अलावा, बिहार के कई इलाकों में हुई लगातार बारिश ने भी बाढ़ की स्थिति को और बिगाड़ दिया है।
Bihar Flood Alert
वहीं बिहार में भारी बारिश से सभी नदियां उफान पर हैं। नेपाल में भी भारी वर्षा के कारण कोसी बराज, वीरपुर से 6,61,295 क्यूसेक जल छोड़ा गया, जो 1968 के बाद सर्वाधिक है। तटबंधों की सुरक्षा के लिए जल संसाधन विभाग की टीमें दिन-रात तत्पर हैं।
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए प्रशासन ने नावों और राहत शिविरों की व्यवस्था की है। नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद कोसी, गंडक और बागमती नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे कई जगहों पर सड़कों और पुलों का संपर्क टूट गया है। राहत शिविरों में पीड़ितों को भोजन और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
Bihar Flood Alert
बिहार के 13 जिलों में आई बाढ़
गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, सहरसा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार जिलों में बाढ़ आई है। बाढ़ के कारण गांवों और शहरों में पानी भर गया है, जिससे लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं।
प्रशासन ने सभी जिलों में अलर्ट जारी किया है। वहीं बाढ़ में फसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। इसके साथ ही राहत शिविरों में लोगों को भोजन और दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। लगातार बढ़ते जलस्तर से स्थिति पर काबू करना बहुत ही मुश्किल हो रहा है।
खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं नदियां
राज्य के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि बिहार की अन्य नदियों में भी इस साल का अधिकतम जलस्तर दर्ज किया गया है। कमला बलान नदी के झंझारपुर मापक स्थल पर जलस्तर 52.10 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से 2.10 मीटर अधिक है। ललबेकिया नदी के गोवाबाड़ी मापक स्थल पर जलस्तर 72.70 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से 1.55 मीटर अधिक है।
तो वहीं महानंदा नदी के तैयबपुर एवं ढ़ेगराघाट मापक स्थलों पर 66.81 मीटर एवं 37.22 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया है। इनमें तैयबपुर स्थल पर नदी खतरे के निशान से 0.81 मीटर और ढ़ेगराघाट पर 1.57 मीटर अधिक है। डब्ल्यूआरडी के मुताबिक, रविवार को छोटी नदियों में जलस्तर में कमी आई है लेकिन कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और करीब 16 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।