मथुरा/आगरा, 19 जुलाई। Yamuna Expressway : रविवार का दिन यमुना एक्सप्रेसवे पर दर्दनाक हादसों की काली सुबह लेकर आया। तेज रफ्तार और लापरवाही ने कुछ ही घंटों में तीन अलग-अलग जगहों पर भीषण सड़क दुर्घटनाओं को जन्म दिया, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक यात्री घायल हुए हैं। घायलों में कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस और आपातकालीन सेवाएं राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
ईको कार-ट्रक टक्कर में 6 की मौत
सबसे गंभीर हादसा थाना बलदेव क्षेत्र के माइलस्टोन 140 के पास हुआ, जहां दिल्ली से आगरा जा रही तेज रफ्तार ईको कार एक ट्रक से भिड़ गई। 8 लोग सवार थे कार में, जिनमें 6 की मौके पर मौत हो गई। 2 अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। हादसे की वजह तेज रफ्तार और ड्राइवर की लापरवाही मानी जा रही है।
बस पलटी, 8 घायल
दूसरी दुर्घटना माइलस्टोन 151 के पास हुई, जहां आगरा की ओर जा रही एक प्राइवेट बस अनियंत्रित होकर पलट गई। 8 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए हैं। प्रारंभिक जांच के अनुसार, ड्राइवर को झपकी आने से बस पलटी। घायलों को प्राथमिक इलाज के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य किया।
डिवाइडर से टकराई बस, 30 घायल
तीसरी बड़ी दुर्घटना माइलस्टोन 131 के पास हुई, जहां दिल्ली से मध्य प्रदेश जा रही एक यात्री बस डिवाइडर से टकराकर पलट गई। 45 यात्रियों में से 30 घायल हो गए, जिनमें 4 की हालत नाजुक है। बस तेज रफ्तार में मोड़ पर संतुलन खो बैठी। स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से राहत कार्य किया गया।
तीन बड़े हादसों ने एक बार फिर यमुना एक्सप्रेसवे की सुरक्षा और यातायात प्रबंधन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। हाई स्पीड कॉरिडोर कहे जाने वाले इस मार्ग पर लगातार हो रहे हादसे प्रशासनिक सतर्कता और निगरानी पर सवाल उठा रहे हैं।
अलर्ट मोड पर टोल और पेट्रोलिंग टीम
मथुरा पुलिस और जिला प्रशासन ने हादसों पर गहरा दुख जताया है और कहा है कि यातायात नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी टोल प्लाजा और ट्रैफिक प्वाइंट्स को अलर्ट पर रखा गया है। तेज रफ्तार वाहनों पर निगरानी के लिए अतिरिक्त पेट्रोलिंग टीमें तैनात कर दी गई हैं।
रविवार को यमुना एक्सप्रेसवे (amuna Expressway) पर हुए ये हादसे एक बार फिर बताते हैं कि तेज रफ्तार, लापरवाही और सतर्कता की कमी किस कदर जानलेवा साबित हो सकती है। जरूरत है कि प्रशासन सिर्फ अलर्ट तक सीमित न रहकर, स्थायी सुरक्षा उपायों और सख्त निगरानी तंत्र की दिशा में ठोस कदम उठाए।