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Sunday, October 19, 2025

Bihar Assembly Elections : NDA को लगा झटका…! चिराग पासवान की पार्टी की उम्मीदवार का नामांकन रद्द

छपरा/बिहार, 18 अक्टूबर। Bihar Assembly Elections : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। छपरा जिले की मढ़ौरा...

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World Disability Day 2024 : जानिए 3 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगता दिवस

World Disability Day 2024

रायपुर। आज अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगता दिवस है। जो हर साल 3 दिसंबर को मनाया जाता है। दिव्यांगता दिवस की शुरुआत 3 दिसंबर 1992 से हुई थी। जिसका उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों और कल्याण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है, यह दिन समाज में समानता, समावेशिता और विकलांगता से जुड़े मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए महत्वपूर्ण है। यह दिन दिव्यांगों को पूरी तरह से समर्पित रहता है।

इस दिन सरकारी और गैरसरकारी स्तर पर दिव्यांगों के अधिकारों और कल्याणों पर आधारित कार्यक्रम होते हैं। इस दिन की शुरुआत 1992 में की गई थी। इस दिन का मुख्य संदेश है कि हर व्यक्ति को समान अधिकार और अवसर मिलना चाहिए, चाहे उसकी शारीरिक या मानसिक स्थिति जैसी भी हो। इस साल अंतर्राष्ट्रीय दिवस (IDPD) 2024 का थीम ” समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए दिव्यांग व्यक्तियों के नेतृत्व को बढ़ावा देना।”

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वर्ल्ड डिसेबिलिटी डे 2024 का थीम क्या है?

वर्ल्ड डिसेबिलिटी डे 2024 का थीम “इंक्लूसिव डेपलवपमेंट: द रोल ऑफ इनोवेशन इन ड्राईविंग एन एक्ससिबल एण्ड एक्विटेबल वर्ल्ड है”, इस थीम के तहत विकलांग व्यक्तियों के लिए समावेशी और सुलभ विकास की दिशा में नवाचारों की भूमिका को प्रमुख रूप से उजागर किया जाएगा।

जानिए छत्तीसगढ़ में दिव्यांगों का हाल

छत्तीसगढ़ प्रदेश अपना रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है। गौरतलब है कि 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना का 25वां वर्ष मनाया गया। जहां बीते 24 वर्ष में राज्य ने तमाम क्षेत्रों में विकास किया है। वहीं इस विकसित होते छत्तीसगढ़ में दिव्यांगों का समाज भी है, जो विकास में अभी भी बहुत पीछे है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 21 तरह के दिव्यांग दर्ज हैं, जिनकी संख्या 7 लाख से अधिक है।

7 लाख से अधिक दिव्यांगों में अस्थि बाधित, दृष्टि, श्रवण और मुख बाधितों की संख्या अधिक है। आज भी दिव्यांगों को समाज में जीवन जीने के लिए बड़ा संघर्ष करना पड़ता है। एक ओर जहां आज केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं दिव्यांगों के लिए संचालित है।

लेकिन सच्चाई इसके विपरीत है यहां 7 लाख से अधिक दिव्यांगों में लगभग 2 प्रतिशत दिव्यांगों तक ही योजनाओं का लाभ पहुँच पा रहा है। वहीं बढ़ती महंगाई के बाद भी दिव्यांगों को सिर्फ 5 सौ रुपये ही मासिक पेंशन दिया जा रहा है। इसके साथ ही उन्हें शैक्षेणिक, आर्थिक, आरक्षण, नौकरी, स्वरोजगार जैसी सुविधा के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है।

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