World Consumer Rights Day
पूरी दुनिया में आज शुक्रवार, 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन का महत्व सभी उपभोक्ताओं के अधिकारों से उनको जागरुक कराना, उन्हें शोषण, भेदभाव और अन्य प्रकार की अनुचित प्रथाओं से बचाना है।
सरकार और सामाजिक संगठनों के द्वारा लाख प्रयासों के बाद भी पाया जाता कि ज्यादातर उपभोक्ता अपने अधिकारों को लेकर जागरूक नहीं हैं। उपभोक्ताओं के अधिकारों को लेकर कंज्यूमर कांफ्रेडेशन के नेशनल चेयरमैन डॉ. अनंत शर्मा ने बताया कि देश में 1986 में पहली बार उपभोक्ता संरक्षण कानून बनाया गया।
बावजूद इसके आज भी ग्राहक अलग-अलग माध्यमों से ठगे जा रहे हैं। इसकी बड़ी वजह उपभोक्ता कानून का सही तरीके से इम्प्लीमेंट नहीं होना और उपभक्ताओं में जागरूकता का अभाव होना है। जब तक ग्राहक अपने अधिकार के लिए आवाज नहीं उठाएंगे, उन्हें इसका लाभ नहीं मिल सकता है।
World Consumer Rights Day
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का इतिहास
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस’ मनाने का आइडिया राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने दिया था। 15 मार्च 1962 को, राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने अमेरिकी कांग्रेस को ऑफिशियली संबोधित करते हुए उपभोक्ता अधिकारों के मुद्दे को मजबूती से उठाया था। उपभोक्ता अधिकारों की बात करने वाले वे दुनिया के पहले लीडर थे। उपभोक्ता दिवस पहली बार 15 मार्च 1983 को मनाया गया था। तब से हर साल यह दिन मनाया जा रहा है।
हर साल विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस एक थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल 2024 की थीम “उपभोक्ताओं के लिए निष्पक्ष और जिम्मेदार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)” है। उपभोक्ताओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संभावित नुकसान से बचाने पर फोकस किया गया है।
वही साल 2023 की थीम “स्वच्छ ऊर्जा की गति से उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना”। साल 2022 में विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस की थीम थी “फेयर डिजिटल फाइनेंस”। साल 2021 में विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस थीम थी “प्लास्टिक प्रदूषण से निपटना”।
उपभोक्ता के 6 मुख्य अधिकार
- पहला सुरक्षा का अधिकार : यह ग्राहक को मिलने वाला पहला अधिकार है. इसके तहत कोई दुकानदार ग्राहकों को कोई भी खराब सामान नहीं बेच सकता है, सामान बेचते समय उसकी गुणवत्ता का ध्यान रखना जरूरी है।
- दूसरा सूचना देने का अधिकार : जिसमें इसके जरिए ग्राहकों को यह हक है कि वह जान सके कि प्रोडक्ट की क्वालिटी और क्वांटिटी क्या है, साथ ही वो प्रोडक्ट के दाम के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है।
- तीसरा चुनने का अधिकार : जिसमें इस अधिकार के जरिए लोगों को चुनने का अधिकार मिलता है, लोग किसी भी प्रोडक्ट, कंपनी या सर्विस को अपनी जरूरत और इच्छा के अनुसार चुन सकते हैं।
- चौथा सुने जाने का अधिकार : जिसमें लोगों को यह अधिकार मिलता है कि किसी भी तरह का अन्याय होने की स्थिति में वह अपनी शिकायत कंज्यूमर कोर्ट में कर सकता है, कोर्ट ग्राहक की पूरी बात सुनकर अपना फैसला सुना सकता है।
- पांचवा निवारण का अधिकार : इसमें लोग खराब प्रोडक्ट मिलने पर दूसरे अच्छे प्रोडक्ट की मांग कंपनी या दुकानदार से कर सकता है, ऐसा न करने पर वह कंज्यूमर कोर्ट भी जा सकता है।
- छठवां उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार : इसमें प्रत्येक व्यक्ति को एक जानकार उपभोक्ता होने के लिए ज्ञान और कौशल अर्जित करने का अधिकार है, जिससे वह वस्तुओं को खरीदते समय अथवा सेवाओं को प्राप्त करते समय सही और विवेकपूर्ण निर्णय ले सके।