Women’s Rights
रायपुर। भारतीय संविधान महिलाओं को समानता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण कानूनी अधिकार देता है। ये अधिकार महिलाओं को भेदभाव से बचाने, सुरक्षा देने और समाज में समान अवसर प्रदान करने के लिए बनाए गए हैं। यहां महिलाओं के 10 प्रमुख कानूनी अधिकारों पर एक नज़र डालते हैं।
गौरतलब है कि ये कानूनी अधिकार महिलाओं को समाज में सम्मान, सुरक्षा और समानता दिलाने के लिए बनाए गए हैं। इनके सही क्रियान्वयन से महिलाओं को न्याय और समान अवसर मिल सकते हैं।
1. समानता का अधिकार (Right to Equality) – अनुच्छेद 14-18
- संविधान का अनुच्छेद 14 महिलाओं और पुरुषों को समानता का अधिकार देता है।
- अनुच्छेद 15(1) लिंग के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव को रोकता है।
- अनुच्छेद 15(3) सरकार को महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रावधान बनाने की अनुमति देता है।
- अनुच्छेद 16 सरकारी नौकरियों में समान अवसर सुनिश्चित करता है।
Women’s Rights
2. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Life and Personal Liberty) – अनुच्छेद 21
- महिलाओं को गरिमा के साथ जीने और अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करने का अधिकार मिलता है।
- यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, ऑनर किलिंग और मानव तस्करी जैसे अपराधों से सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
3. शोषण के विरुद्ध अधिकार (Right Against Exploitation) – अनुच्छेद 23-24
- महिलाओं और बच्चों की तस्करी, बलात श्रम और अन्य अमानवीय प्रथाओं को प्रतिबंधित करता है।
- अनुच्छेद 24 महिलाओं और बच्चों से कारखानों या खतरनाक कार्यों में काम करवाने पर रोक लगाता है।
4. समान वेतन का अधिकार (Equal Remuneration Act, 1976)
- इस अधिनियम के तहत महिलाओं और पुरुषों को समान कार्य के लिए समान वेतन मिलने की गारंटी दी गई है।
5. कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से सुरक्षा (The Sexual Harassment of Women at Workplace Act, 2013)
- यह कानून महिलाओं को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से सुरक्षा देता है और हर संस्थान में शिकायत समिति बनाने का प्रावधान करता है।
Women’s Rights
6. मातृत्व लाभ का अधिकार (Maternity Benefit Act, 1961 & 2017 Amendment)
- यह कानून गर्भवती महिलाओं को 26 हफ्तों तक का सवेतन अवकाश और अन्य सुविधाएं प्रदान करता है।
7. घरेलू हिंसा से संरक्षण (Protection of Women from Domestic Violence Act, 2005)
- यह कानून महिलाओं को शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और यौन उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करता है।
8. बाल विवाह निषेध अधिनियम (Prohibition of Child Marriage Act, 2006)
- यह कानून 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों की शादी को अवैध और दंडनीय अपराध घोषित करता है।
9. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (Hindu Succession Act, 1956, amended in 2005)
- यह अधिनियम महिलाओं को पैतृक संपत्ति में पुरुषों के समान उत्तराधिकार का अधिकार देता है।
10. गर्भपात का अधिकार (Medical Termination of Pregnancy Act, 1971 & 2021 Amendment)
- महिलाओं को गर्भपात कराने का कानूनी अधिकार है, जिसे 2021 में संशोधित कर 24 हफ्तों तक बढ़ाया गया।