WHY ZOMATO DELISTED RESTAURANTS
गुड़गांव। फूड डिलीवरी की दिग्गज कंपनी जोमैटो (Zomato) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने प्लेटफॉर्म से करीब 19,000 रेस्टोरेंट्स को हटा दिया है। यह जानकारी कंपनी के सीईओ दीपिंदर गोयल ने हाल ही में हुई शेयरहोल्डर मीटिंग में दी।
गोयल के अनुसार, यह फैसला ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने और प्लेटफॉर्म की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए लिया गया है। हटाए गए रेस्टोरेंट्स के पीछे तीन मुख्य कारण बताए गए हैं।
- स्वच्छता मानकों पर खरा न उतरना – कई रेस्टोरेंट्स ऐसे पाए गए जो साफ-सफाई के न्यूनतम मानकों को पूरा नहीं कर रहे थे, जिससे ग्राहकों की गंभीर शिकायतें मिली थीं।
- फर्जी ब्रांड या कॉपीकैट रेस्टोरेंट – कुछ रेस्टोरेंट्स ने लोकप्रिय ब्रांड्स की नकल करके ग्राहकों को भ्रमित करने की कोशिश की। ये नकलची रेस्टोरेंट ग्राहकों की भरोसेमंद पसंदों का फायदा उठा रहे थे।
- डुप्लिकेट या मल्टीपल लिस्टिंग्स – कई रेस्टोरेंट एक जैसे मेनू के साथ अलग-अलग नामों से खुद को लिस्ट कर रहे थे ताकि ज़्यादा बार दिखाई दें और ज़्यादा ऑर्डर मिलें। इसे प्लेटफॉर्म पर अनैतिक प्रतिस्पर्धा माना गया।
WHY ZOMATO DELISTED RESTAURANTS
जोमैटो के बिजनेस में आई सुस्ती: तीन बाहरी कारण
दीपिंदर गोयल ने यह भी स्वीकार किया कि कंपनी की फूड डिलीवरी ग्रोथ दर नवंबर में उम्मीद से कम रही। उन्होंने इसकी वजह बताई:
- उपभोक्ता खर्च में गिरावट – विशेष रूप से रेस्टोरेंट फूड जैसी “डिस्क्रेशनरी कैटेगरी” में लोग कम खर्च कर रहे हैं।
- डिलीवरी पार्टनर की कमी – तेजी से बढ़ते “क्विक कॉमर्स” (जैसे ब्लिंकइट, इंस्टामार्ट) में डिलीवरी बॉय की मांग बहुत बढ़ गई है, जिससे जोमैटो को स्टाफ की अस्थायी कमी का सामना करना पड़ रहा है।
- क्विक कॉमर्स से बढ़ती प्रतिस्पर्धा – पैकेज्ड फूड की तेज डिलीवरी वाले प्लेटफॉर्म्स ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं, जिससे पारंपरिक रेस्तरां डिलीवरी की डिमांड प्रभावित हो रही है।
जोमैटो का आश्वासन
हालांकि, सीईओ दीपिंदर गोयल ने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि यह गिरावट अस्थायी है और कंपनी जल्द ही नई रणनीतियों और साफ-सुथरे प्लेटफॉर्म के साथ मजबूती से वापसी करेगी।