Waqf Amendment Bill : वक्फ बिल बना सियासी बारूद, JDU, RLD और LJP में बगावत, मुस्लिम नेताओं के इस्तीफे

Waqf Amendment Bill : वक्फ बिल बना सियासी बारूद, JDU, RLD और LJP में बगावत, मुस्लिम नेताओं के इस्तीफे

Waqf Amendment Bill

पटना/लखनऊ। संसद में पारित हुआ वक्फ संशोधन विधेयक 2025 अब बिहार और उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल ला चुका है। खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार, जयंत चौधरी और चिराग पासवान की पार्टियों में शामिल मुस्लिम नेताओं ने पार्टी के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकते हुए पार्टी छोड़ रहे हैं। वजह— इन नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी ने ऐसा बिल समर्थन कर दिया जो मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संपत्तियों और अधिकारों पर हमला करता है।

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क्या है वक्फ संशोधन विधेयक?

बता दें कि विधेयक में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को लेकर अहम बदलाव किए गए हैं। सरकार के अनुसार यह विधेयक पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए लाया गया है। लेकिन मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों का आरोप है कि यह बिल अल्पसंख्यक समुदाय की संपत्तियों पर सरकारी कब्जा करने का प्रयास है।

  • सरकार का दावा — वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने का प्रयास।
  • मुस्लिम नेताओं का आरोप — धार्मिक स्वतंत्रता और अधिकारों का हनन, वक्फ की जमीनों पर सरकारी नियंत्रण की चाल।
JDU में इस्तीफों की बाढ़

बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी JDU से अब तक 6 मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। इन नेताओं का आरोप है कि वक्फ बिल मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है और पार्टियों ने उनका भरोसा तोड़ा है। विधानसभा चुनाव से पहले ये इस्तीफे नीतीश, जयंत और चिराग की सियासी मुश्किलें बढ़ा सकते हैं, खासकर मुस्लिम वोट बैंक को लेकर।

  • मोहम्मद कासिम अंसारी
  • मोहम्मद शाहनवाज़ मलिक
  • नदीम अख्तर
  • तबरेज सिद्दीकी
  • राजू नैयर
  • फिरोज खान (जिला सचिव, नवादा)

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RLD में जयंत चौधरी पर लगा ‘विश्वासघात’ का आरोप

राष्ट्रीय लोकदल (RLD) में भी इस्तीफे शुरू हो चुके हैं। प्रदेश महासचिव शाहजेब रिज़वी ने पार्टी को छोड़ते हुए एक वीडियो संदेश में कहा,“जयंत चौधरी ने हमारे साथ विश्वासघात किया। उन्होंने वक्फ बिल का समर्थन कर मुस्लिमों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।” वहीं हापुड़ के नेता मोहम्मद ज़की भी इस्तीफा दे चुके हैं।

LJP में भी असंतोष

चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) में भी नाराज़गी दिखी है।अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अली आलम ने कहा, “ये बिल मुसलमानों के खिलाफ है, और हम ऐसे दल का हिस्सा नहीं रह सकते जिसने इसका समर्थन किया।”

राजनीतिक असर
  • बिहार और उत्तर प्रदेश में मुस्लिम आबादी करीब 18-20% है।
  • इन इस्तीफों के बाद JDU, RLD और LJP के सामने बड़ा सवाल है — क्या वे मुस्लिम वोट बैंक को फिर से अपने पक्ष में ला पाएंगे?

बता दें कि वक्फ संशोधन विधेयक ने एनडीए की सहयोगी पार्टियों के भीतर बड़ा असंतोष पैदा कर दिया है। जहां एक ओर विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और ऐसे में अल्पसंख्यक वोट बैंक का दूर होना इन दलों की रणनीति पर गहरा असर डाल सकता है।

 

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