Waqf Amendment Bill 2024
नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के खिलाफ देशभर के मुसलमानों से विरोध दर्ज कराने की अपील की है। बोर्ड ने रमजान के आखिरी शुक्रवार यानी अलविदा जुमा (29 मार्च) को काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण विरोध जताने का आह्वान किया है।
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AIMPLB ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर जारी एक बयान में कहा कि “यह विधेयक मुस्लिम समुदाय को उनकी धार्मिक संपत्तियों—मस्जिदों, ईदगाहों, मदरसों, दरगाहों, खानकाहों और कब्रिस्तानों से वंचित करने का षड्यंत्र है।”
Waqf Amendment Bill 2024
देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी
AIMPLB ने अपने बयान में कहा कि दिल्ली के जंतर-मंतर और पटना में हुए विरोध प्रदर्शनों ने सरकार पर दबाव बनाया है। अब 29 मार्च को विजयवाड़ा में भी बड़े स्तर पर प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है।
तमिलनाडु विधानसभा में प्रस्ताव पारित
इस बीच, तमिलनाडु विधानसभा में मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे पारित कर दिया गया। स्टालिन ने कहा, “यह विधेयक मुसलमानों के अधिकारों को नष्ट करेगा। केंद्र सरकार ने कभी भी उनके कल्याण के बारे में नहीं सोचा।”
क्या है वक्फ संशोधन विधेयक 2024?
वक्फ अधिनियम 1995 के तहत संचालित वक्फ बोर्ड को लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। नए विधेयक में डिजिटलीकरण, पारदर्शिता और संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के प्रावधान जोड़े गए हैं। सरकार का दावा है कि यह सुधार वक्फ संपत्तियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने में मदद करेगा।
Waqf Amendment Bill 2024
विवाद और बहस जारी
AIMPLB और मुस्लिम समुदाय के कई संगठनों का मानना है कि यह विधेयक मुस्लिम धार्मिक संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने की साजिश है। वहीं, केंद्र सरकार इसे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने का प्रयास बता रही है।
क्या वक्फ संशोधन विधेयक 2024 वाकई में सुधार की दिशा में कदम है, या मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संपत्तियों पर नियंत्रण का प्रयास? यह बहस अभी जारी है।