Wakf Board Bill
नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र में आम बजट 2024 पर चर्चा हो रही है। बजट को लेकर विपक्ष सरकार को लगातार घेर रहा है। इस बार संसद 11 अगस्त तक चलने वाली है। वही केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड संशोधन बिल आज लोकसभा में पेश करने जा रही है। वर्तमान में वक्फ बोर्ड के पास किसी भी जमीन को अपनी संपत्ति घोषित करने की ताकत है। अब नए कानून में इस पर रोक लगाई जा सकती है। तो वही जब से इस बिल के संसद में आने की बात सामने आई है, मुस्लिम समाज और विपक्ष में इसे लेकर खासा रोष दिखाई दे रहा है।
इसकी वजह मानी जा रही है कि संशोधित बिल के जरिए सरकार वक्फ बोर्ड की ताकत व हैसियत कम करने जा रहा है। इस बिल के जरिए सरकार देश के वक्फ बोर्ड्स की पूरी प्रक्रिया जवाबदेह व पारदर्शी बनाना चाहती है। हालांकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने इस बिल के मद्देनजर कहा है कि वह मौजूदा वक्फ कानून में किसी तरह का कोई बदलाव मंजूर नहीं करेगा।
Wakf Board Bill
जानिए क्या वजह है विवाद की?
इस बिल को लेकर विवाद का सबसे बड़ा बिंदु वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। दरअसल, देश में कुल 32 वक्फ बोर्ड हैं। इनके बीच तालमेल के लिए केंद्र सरकार के अल्पसंयख्क मामलों के मंत्रालय की ओर से सेंट्रल वक्फ काउंसिल बनाया गया। यह वक्फ बोर्डों के कामकाज के मामलों में केंद्र सरकार को सलाह देती है।
देश के कुल वक्फ बोर्ड के पास फिलहाल आठ लाख एकड़ जमीन है। इन जमीनों में ज्यादातर हिस्सों में मस्जिद, मदरसा और कब्रिस्तान हैं। दिसंबर 2022 तक वक्फ बोर्ड के पास कुल 8,65,644 अचल संपत्तियां थीं। अचल सपंत्ति के लिहाज से देखा जाए तो वक्फ बोर्ड देश में रेल व सेना के बाद तीसरे सबसे बड़े जमीन के मालिक हैं।
तो वही इस बीच, कांग्रेस ने संशोधन विधेयक का विरोध करने का फैसला किया है। कांग्रेस ने सरकार से यह गारंटी मांगी है कि बिल पास होने के बाद वक्फ बोर्ड की जमीनें बेची नहीं जाएंगी। इसी तरह समाजवार्टी भी विरोध करेगी। आरोप है कि सरकार वक्फ बोर्डों की संपत्ति हड़पने के लिए ऐसा कर रही है।
Wakf Board Bill
संशोधन बिल के प्रमुख बिंदु
- बिल में वक्फ शब्द को कम से कम पांच सालों से इस्लाम का पालन करने वाले और ऐसी संपत्ति के मलिकाना हक वाले व्यक्ति द्वारा स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाएगा।
- वक्फ संपत्ति उत्तराधिकार में महिलाओं को भी ऐसी संपत्तियों का उत्तराधिकारी बनाने की बात है।
- वक्फ संपत्तियों के सर्वे के लिए जिला कलेक्टर स्तर अधिकारी फैसला लेगा।
- वक्फ बोर्ड को अपनी संपत्ति जिला मजिस्ट्रेट के दफ्तर में रजिस्टर्ड करानी होगी, ताकि संपत्ति का मूल्यांकन हो सके।
- वक्फ बोर्ड के रेवेन्यु की जांच हो सकेगी।
- केंद्रीय वक्फ काउंसिल और राज्य व केंद्र शासित वक्फ बोर्ड मुस्लिम महिलाओं और गैर मुसलमानों का प्रतिनिधित्व हो।
- बोहरा समुदाय और अघाखानी के लिए एक अलग वक्फ बोर्ड की गठन किया जाए।
- बोर्ड में मुस्लिम समुदायों में शिया, सुन्नी, बोहरा, अघाखानी और अन्य पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व होगा। नई बिल के मुताबिक वक्फ बोर्ड काउंसिल और वक्फ बोर्ड में दो-दो महिला सदस्यों का होना अनिवार्य होगा।
- संपत्ति का रजिस्ट्रेशन एक सेंट्रल पोर्टल और डाटा बेस के जरिए किया जाएगा।
- नए बिल में प्रावधान है कि बोर्ड अब यह तय करने का एकमात्र अधिकारी नहीं रहेगा कि कोई संपत्ति वास्तव में वक्त बोर्ड की है या नहीं।
- नए बिल में कहा गया है कि जिन राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में वक्फ बोर्ड नहीं है, वहां विवाद होने पर ट्रिब्यूनल जाया जा सकता है।
- वक्फ बोर्ड के फैसले के खिलाफ अब हाईकोर्ट में अपील की जा सकती है। यह प्रावधान अब तक नहीं था।