Violence Again in Bangladesh
बांग्लादेश में हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने ढाका के धानमंडी-32 स्थित बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक आवास पर हमला किया, तोड़फोड़ की, और आगजनी की। यह आवास अब एक संग्रहालय के रूप में संरक्षित है। इस हमले के समय सुरक्षाबल मौजूद थे,
लेकिन वे भीड़ को नियंत्रित करने में असमर्थ रहे। इसके अलावा, खुलना में प्रधानमंत्री शेख हसीना के चचेरे भाइयों, शेख सोहेल और शेख जेवेल के घरों को भी बुलडोजरों से ध्वस्त कर दिया गया। इन घटनाओं के कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
अवामी लीग द्वारा शेख हसीना के खिलाफ दर्ज मामलों और अल्पसंख्यकों पर हमलों के विरोध में उठाए गए कदमों के कारण देश में भारी तनाव बढ़ गया है। ’24 रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट-जनता’ जैसे छात्र संगठनों द्वारा बुलडोजर मार्च का आयोजन, जिसमें शेख मुजीबुर रहमान के घर पर हमले की धमकी दी गई थी, से यह बात स्पष्ट होती है कि विरोध बहुत ही उग्र रूप ले चुका है।
Violence Again in Bangladesh
शेख हसीना के समर्थकों और विरोधियों के बीच गहरी राजनीतिक और सामाजिक दरारें उत्पन्न हो चुकी हैं, और इन घटनाओं के चलते बांग्लादेश में शांति और सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं।
यह घटना बांग्लादेश में शेख मुजीबुर्रहमान और उनके परिवार से जुड़ी एक अत्यंत संवेदनशील और ऐतिहासिक जगह पर हुई है। शेख मुजीबुर्रहमान, जो बांग्लादेश के संस्थापक थे, की हत्या उनके घर में ही 15 अगस्त 1975 को कर दी गई थी। उनके साथ उनकी पत्नी, बेटे, बहू और अन्य रिश्तेदारों की भी हत्या की गई थी। इस घटना के बाद से उनका घर एक स्मारक संग्रहालय में बदल दिया गया था, जो बांग्लादेश के इतिहास का अहम हिस्सा था।
इस प्रकार की हिंसक घटनाएं और प्रदर्शन यह दर्शाते हैं कि बांग्लादेश में शेख हसीना, जो शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी हैं, के खिलाफ गहरी राजनीतिक और सामाजिक असहमति हो सकती है। शेख हसीना की सरकार ने भी कई बार विरोध और हिंसा का सामना किया है, जिनमें से यह हालिया घटना भी एक उदाहरण है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह घर “फासीवादियों का गढ़” है, और उनकी इस सोच को लेकर राजनीतिक और सामाजिक तंगी और असहमति का संकेत मिलता है।