Vikram Bais Murder Case
नारायणपुर। कांग्रेस नेता और मालक परिवहन संघ के सचिव विक्रम बैस हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने 2 दिन के बाद ही हत्या के छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि वहीं हत्या का साजिशकर्ता मनीष राठौर अभी भी फरार है। आरोपी मनीष राठौर नारायणपुर ठेकेदार संघ का पूर्व अध्यक्ष भी रह चुका है। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किये गए हथियार,वाहन भी जब्त किए हैं। इसके साथ ही पुलिस ने छापामारी में पत्रकारों के भेजे गए धमकी भरे खत भी बरामद किए हैं।
नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने बतया कि व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा और आपसी रंजिश के चलते मनीष राठौर ने कांग्रेस नेता विक्रम बैस की हत्या की साजिश रची थी और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग के जरिए विक्रम बैंस की गोली मारकर हत्या करवाई थी, इस कॉन्ट्रैक्ट किलिंग में शामिल अभी तक 6 आरोपियों को नारायणपुर पुलिस ने दुर्ग रायपुर और बिलासपुर पुलिस की मदद से दुर्ग और बिलासपुर के अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार कर लिया है।
Vikram Bais Murder Case
मिली जानकारी के मुताबिक मनीष और उसके साथी आरोपी ट्रांसपोर्टिंग का काम करते थे। वहीं, कांग्रेस नेता विक्रम बैस भी ट्रांसपोर्ट कारोबार में थे। इसके चलते हत्यारों से उनकी व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा चल रही थी, यही हत्या की वजह बनी। मनीष ने ही बाकी आरोपी विश्वजीत नाग, राजीव रंजन उर्फ राजू, संदीप यादव उर्फ संजू और सैमुआल उर्फ रायनुन्तलम के साथ भिलाई में मीटिंग की।
हत्या में इस्तेमाल पिस्टल बिहार के सिवान से लाया गया था। घटना को अंजाम देने के पहले दो दिनों तक आरोपियों ने विक्रम बैस की रेकी की। घटना के दिन विक्रम बैस को अकेला पाकर आरोपी संजू यादव और विश्वजीत नाग ने पहले उस पर गड़ासा से वार किया। इसके बाद तीन गोलियां चलाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद पिस्टल को मनीष राठौर के गोदाम में छिपा दिया गया था।
प्रकरण में दुर्ग,रायपुर एवं बिलासपुर की एसीसीयू टीम की सहायता से आरोपियों के संबंध में जानकारी इकट्ठा की गई। इसी आधार पर अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझा कर आरोपियों को गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा गया है। इस दौरान जिले में पत्रकारों को धमकी देने के मामले का भी खुलासा हुआ।
Vikram Bais Murder Case
जिसमें मनीष राठौर ने धमकी भरे पत्र लिखकर लोगों को धमकाने का भी मामला खुला जिसमें विश्वजीत नाग ने धमकी भरे खतों को पोस्ट किया। किशोर आर्या परिवहन संघ अध्यक्ष को धमकी भरा पत्र लिखा गया। नक्सलियों के नाम पर धमकी भरे बैनर और पत्र भेजकर लोगों को आतंकित करने का काम भी इसी गैंग ने किया था।
बताया जा रहा है कि मनीष राठौर पहले छेड़छाड़ के केस में जेल गया था और कुछ दिन पहले ही छूटकर बाहर आया था। जेल में मनीष की पहचान शूटर विश्वजीत नाग से हुई थी। विश्वजीत ने ही बाकी साथियों से मनीष को मिलवाया था। विश्वजीत नाग बंगाल का रहने वाला है जो मनीष राठौर के गोदाम में रह रहा था।