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Sunday, October 19, 2025

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Uttar Pradesh Praygraj : रामनवमी पर प्रयागराज की दरगाह पर भगवा झंडा फहराया, भड़का विवाद, प्रशासन अलर्ट, जांच जारी

Uttar Pradesh Praygraj

प्रयागराज। रामनवमी के दिन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उस वक्त माहौल गर्म हो गया जब कुछ युवकों ने सिकंदरा गांव में स्थित सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर भगवा झंडा फहराया और जय श्रीराम के नारे लगाए। इस घटना ने धार्मिक सौहार्द को लेकर चिंता बढ़ा दी है। फिलहाल पुलिस मौके पर तैनात है और घटना की जांच चल रही है।

क्या हुआ था रविवार को?

रविवार दोपहर करीब 4 बजे, रामनवमी के जुलूस के दौरान 20 से अधिक युवक मोटरसाइकिलों से रैली निकालते हुए सिकंदरा गांव पहुंचे। दरगाह के मुख्य गेट से होकर कुछ युवक छत पर चढ़े और वहां ‘ॐ’ लिखे भगवा झंडे को गुंबद के पास लहराया।

युवकों ने दरगाह की छत से नारेबाजी की और इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। बताया जा रहा है कि इस घटनाक्रम की अगुवाई मनेंद्र प्रताप सिंह ने की, जो खुद को भाजपा कार्यकर्ता और करणी सेना का पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बताते हैं।

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क्या बोले आयोजक?

मनेंद्र प्रताप सिंह ने दावा किया कि, “सालार मसूद गाजी एक विदेशी आक्रांता था जिसने भारत में कत्लेआम मचाया। उसकी दरगाह तीर्थराज प्रयाग की धरती पर नहीं होनी चाहिए। वहां पहले शिवकेंद्र महादेव और सती माता का मंदिर था जिसे मिटाकर मजार बनाई गई। अब उसे हटाकर फिर से मंदिर बनाया जाना चाहिए।”

सिंह और उनके संगठन — महाराजा सुहेलदेव सम्मान सुरक्षा मंच — ने पहले ही डीएम और पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन देकर इस संबंध में कार्रवाई की मांग की थी।

प्रशासन की प्रतिक्रिया और पुलिस कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और झंडा लहराने वाले युवकों को वहां से हटा दिया। पुलिस उपायुक्त (गंगानगर) कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया,

“सिकंदरा की इस दरगाह में पांच मजारें हैं, जहां हिंदू और मुस्लिम दोनों श्रद्धालु आते हैं। कुछ युवकों ने वहां भगवा झंडा लगाया, उन्हें हटाया गया है। मामले में जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।” पुलिस ने यह भी कहा है कि लापरवाह पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की जा रही है।

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राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज

इस घटना ने राजनीतिक हलकों में भी बहस छेड़ दी है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, “सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। धार्मिक स्थलों का दुरुपयोग चिंता का विषय है।” वहीं कांग्रेस प्रवक्ता हसीब अहमद ने इसे “धार्मिक उकसावे” की साजिश बताते हुए कहा कि “यह प्रयागराज की शांति को भंग करने की कोशिश है। प्रशासन को चाहिए कि दोषियों पर तुरंत और सख्त कार्रवाई करे।”

क्या कहता है स्थानीय समाज?

स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह दरगाह एक सांझा श्रद्धा स्थल रही है, जहां गुरुवार और रविवार को बड़ी संख्या में लोग चादर चढ़ाने आते हैं — इनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग शामिल होते हैं। हालांकि, कुछ समूहों का दावा है कि दरगाह अवैध रूप से बनाई गई है और पहले वहां हिंदू मंदिर था।

स्थिति फिलहाल नियंत्रण में

प्रशासन ने साफ कर दिया है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इस मुद्दे को लेकर संवेदनशीलता और सतर्कता के साथ कार्रवाई की जा रही है। रामनवमी पर घटी इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि कैसे धार्मिक भावनाएं और ऐतिहासिक विवाद आज भी सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित करते हैं। देखना होगा कि प्रशासन और सरकार इस विवाद को कानून के दायरे में रहते हुए कैसे संभालती है।

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