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सहारनपुर। उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। बड़गांव क्षेत्र के गांव चिराऊ निवासी हरिद्वार 29 जनवरी को हरिद्वार गया था। जिस जवान बेटे को घरवालों ने मृत समझकर अंतिम संस्कार कर पिछले आठ दिनों से शोक मना रहे थे जब वह 8 दिन बाद अचानक अपने घर लौटा तो परिवार के सभी लोग उसको देख हैरान हो गए।
हैरानी की बात यह है कि परिजनों ने मुजफ्फरनगर मोर्चरी से एक युवक की पहचान अपने बेटे के रूप में करते हुए उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया है। एक तरफ जहां मां अपने बेटे को जिंदा देखकर खुश हो गयी। वहीं युवक को इधर-उधर घुमता देख बाकी सभी लोग हैरान रह डर के मारे सभी भागने लगे। लोगों ने कहा कि घर में भूत आ गया है।
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वहीं यह सवाल खड़ा हो गया कि आखिर अपना बेटा पहचान कर परिवार के लोगों ने किसका अंतिम संस्कार किया था।वह कौन था इसका पता अभी तक नहीं हो पाया है।
जानकारी के अनुसार, सहारनपुर के थाना बड़गांव के गांव चिराऊ में चंद्र प्रजापति का परिवार रहता है, उनके तीन बेटे हैं।जिनमें दूसरे नंबर का बेटा प्रमोद कुमार 29 जनवरी को हरिद्वार में किसी ढाबे पर नौकरी की बात कहकर घर से निकल गया था। 31 जनवरी को मुजफ्फरनगर में उसकी शक्ल की तरह दिखने वाले एक मृत युवक का सोशल मीडिया पर फोटो वायरल हुआ।
उस शव के फोटो को देखकर प्रमोद के परिजनों में कोहराम मच गया। जिसके बाद परिजनों ने प्रमोद के नंबर पर कॉल करके भी देखा लेकिन उसका नंबर नहीं मिला। जिसके बाद घरवालों ने मुजफ्फरनगर मोर्चरी पहुंचकर अज्ञात शव की पहचान प्रमोद के रूप में की। पुलिस ने पोस्टमार्टम आदि की प्रक्रिया करने के बाद शव को प्रमोद के घरवालों को सौंप दिया था।
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घरवालों ने अज्ञात मृतक युवक के हाथ और आंख पर निशान देख कर पहचान की थी। फोटो को लेकर परिजन मुजफ्फरनगर मोर्चरी में पहुंचे और उन्होंने शव की पहचान प्रमोद के रूप में की। अज्ञात मृत युवक की दाई आंख पर कट का निशान और हाथ में पीके लिखा हुआ दिखा।
शिनाख्त के बाद शव को गांव में लेकर आ गए और गमगीन माहौल में परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया। उसकी फोटो भी खिंचवाई। परिजनों ने ग्रामीणों और रिश्तेदारों की मौजूदगी में प्रमोद की 5 फरवरी को रस्म पगड़ी रस्म भी कर दिया था।
लेकिन अचानक प्रमोद कुमार जब रस्म पगड़ी वाले दिन गांव में पहुंचा, तब लोगों ने उसे देखकर भूत-भूत चिल्लाना शुरू कर दिया। एक दुकानदार ने तो उसे भूत समझकर कोल्ड्रिंक देने से मना कर दिया और खुद घबरा कर दुकान में जाकर छुप गया। जब प्रमोद के जीवित होने की खबर गांव में फैली तो उसे देखने के लिए ग्रामीणों का तांता लग गया।
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परिजनों तक उसके जीवित होने की खबर पहुंची तो वह भी उसको देखने के लिए दौड़ पड़े। प्रमोद को जिंदा देख परिजनों की खुशी का ठिकाना नही रहा। जब प्रमोद के परिजन उसे घर लेकर गए तो, अपनी फोटो पर माला देखकर प्रमोद आग बबूला हो गया और उसने माला सहित फोटो उठाकर फेंक दी।
सात दिनों से लगातार पुत्र वियोग में रो रही मां बोहती देवी अपने बेटे प्रमोद को देखकर गले लगाकर काफी देर तक दुलार करती रही। बेटे को जिंदा देखकर उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वहीं प्रमोद की बहन भी भाई के जिंदा वापस आने पर खुशी से झूम उठी। हालांकि, वो शव किसका था इसकी पहचान नहीं हो पाई है।