UP Madrasa Act
उत्तर प्रदेश के मदरसा कानून पर आज यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसले से बड़ी राहत मिली है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें मदरसा एक्ट को असंवैधानिक करार दिया गया था।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मदरसा एक्ट को संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन मानते हुए असंवैधानिक ठहराया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद अब मदरसों का संचालन पूर्ववत् जारी रहेगा।
बता दें कि मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने फैसला सुनते हुए उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है।
UP Madrasa Act
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उत्तर प्रदेश के लगभग 16,513 मान्यता प्राप्त मदरसों को बड़ी राहत मिली है। अब ये मदरसे पूर्ववत तरीके से चलते रहेंगे और उनकी मान्यता पर कोई खतरा नहीं रहेगा।
सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में कुल लगभग 23,500 मदरसे हैं, जिनमें से 16,513 मदरसे रजिस्टर्ड और मान्यता प्राप्त हैं। इनमें से 560 मदरसे ऐसे हैं, जिन्हें सरकार की ओर से आर्थिक सहायता (एडेड) मिलती है।
इसके अलावा, लगभग 8,000 मदरसे ऐसे भी हैं जो गैर-मान्यता प्राप्त हैं और वे बिना किसी सरकारी मान्यता के चलते हैं।