Unified Pension Scheme
मोदी सरकार ने शनिवार को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंजूरी दे कर सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। इसके तहत रिटायर्ड कर्मचारियों को अंतिम वेतन का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर दिया जाएगा। जिसका नाम यूनीफाइड पेंशन स्कीम या UPS होगा, जो 1 अप्रैल 2025 में लागू किया जाएगा।
सूचना मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यूपीएस के तहत सरकारी कर्मचारी अब सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में मिले मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में पाने के हकदार होंगे। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इसे लेकर सहमति बनी है।
मोदी सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को शनिवार को मंजूरी दे दी। जिसमे 25 साल काम करने पर सरकारी कर्मचारियों को पूरी पेंशन मिलेगी। यह फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया गया। केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को एकीकृत पेंशन योजना (UPS) से लाभ होगा। इस योजना का लाभ 2004 से 2025 तक रिटायर होने वाले कर्मचारियों को भी मिलेगा।
जानिए UPS और NPS में क्या है अंतर
- यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में केंद्र सरकार के कर्मचारियों को फिक्स पेंशन मिलेगी, नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में बाजार के रिटर्न पर पेंशन तय होती थी, जो कम ज्यादा होती रहती थी।
- NPS की तरह UPS में भी कर्मचारी सैलरी का 10 प्रतिशत पेंशन के लिए जमा करेंगे, जबकि सरकार 18.5 प्रतिशत देगी। अभी तक सरकार 14 प्रतिशत दे रही थी।
- UPS में सरकारी कर्मचारी को 25 साल नौकरी के बाद फिक्स पेंशन के अलावा एकमुश्त राशि भी मिलेगी। महंगाई दर के हिसाब से ये पेंशन बढ़ेगी। NPS में बहुत कर्मचारियों को बहुत कम रुपए ही मिल रहे थे।
- NPS में कोई सुनिश्चित पेंशन नहीं था, UPS में 25 साल की सेवा के बाद आखिरी सैलरी का कम से कम 50 फीसदी पेंशन सुनिश्चित होगा।
- UPS में 10 साल की सेवा के बाद 10 हजार रूपए सुनिश्चित पेंशन मिलेगी। NPS में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
- NPS में बाज़ार के उतार चढ़ाव पर निर्भरता है। UPS में बाज़ार पर निर्भरता काफी घटी है।
- एनपीएस को 2004 में शुरू किया गया था। इसके बाद 2009 में इस स्कीम को प्राइवेट सेक्टर के लिए भी खोल दिया गया था। एनपीस का मैनेजमेंट पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी करती है।