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Trump Zelenskyy Meeting Controversy: ट्रंप और जेलेंस्की के बीच क्यों हुई तगड़ी बहस, वोलोदिमीर को मिला यूरोपीय देश का साथ

Trump Zelenskyy Meeting Controversy

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर के बीच तगड़ी बहस हुई। व्हाइट हाउस के ओवल ऑफ़िस में हुई इस बहस की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। दोनों देशों के प्रमुखों के बीच शुरु में ये एक साधारण मुलाकात थी, जो बाद में तीखी बहस में बदल गई।

दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया कि ज़ेलेंस्की शांति नहीं चाहते हैं और अगर वो समझौता नहीं करेंगे तो अमेरिका इस जंग से बाहर हो जाएगा, वहीं ज़ेलेंस्की ने कहा कि हम गारंटी के साथ युद्ध विराम चाहते हैं।

कैसे हुई बहस की शुरुआत?
जेलेंस्की दोनों देशों के बीच कीमती खनिजों पर समझौते के लिए अमेरिका गए थे, लेकिन समझौता होने तो दूर यहां आपसी रिश्ते भी दांव पर लगते नजर आएं हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने जेलेंस्की को व्हाइट हाउस से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जेलेंस्की ने ट्रंप से कहा कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ शांति वार्ता में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। जेलेंस्की और ट्रम्प के बीच बहस तब शुरू हुई जब अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि जंग का अंत कूटनीति के साथ हो सकता है। इस पर जेलेंस्की ने वेंस से सवाल करते हुए पूछा कि आप किस तरह की कूटनीति की बात कर हैं?

इस पर अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि मैं उस कूटनीति के बारे में बात कर रहा हूं जिससे आपके देश में हो रही बर्बादी रोकी सकती है। वेंस ने यह भी कहा कि, क्या मीटिंग के दौरान आपने एक बार भी शुक्रिया कहा? इस पर जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने कई बार शुक्रिया कहा है।

आप तीसरे विश्व युद्ध का बीज बो रहे: ट्रंप
ट्रंप ने जेलेंस्की से युद्ध विराम की भी बात की और कहा कि अगर ऐसा होता है तो यूक्रेन को इसे फौरन स्वीकार करना चाहिए, जिससे गोली चलना बंद हो जाए। इस पर जेलेंस्की ने भी कहा कि वह खुद भी जंग रोकना चाहते हैं लेकिन हमें युद्ध विराम की डील गारंटी के साथ चाहिए। ट्रंप ने जेलेंस्की को यहां तक कह डाला कि आप तीसरे विश्व युद्ध का बीज बो रहे हैं, जबकि आपकी कोई हैसियत नहीं है। उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति को कहा कि आप हमारी वजह से इतने दिन युद्ध में टिके। अमेरिकी हथियारों की वजह से आप लड़ पा रहे हैं।

मूर्ख राष्ट्रपति, आपके बुरे दिन शुरू
राष्ट्रपति ट्रंप और जेलेंस्की में बहस का स्तर इस कदर बिगड़ गया कि यूक्रेनी राष्ट्रपति कहने लगे-आप मुझे बोलने का मौका नहीं दे रहे। वहीं ट्रंप ने कहा कि हमने 350 अरब डॉलर यूक्रेन को दिया। बातों ही बातों में ट्रंप ने मीडिया के सामने कह दिया कि आप मूर्ख राष्ट्रपति हैं। आपको समझौता करना ही होगा। ट्रंप ने जेलेंस्की को कहा कि आज से आपके बुरे दिन शुरू हो गए हैं। वहीं जेलेंस्की ने कहा कि हम कोई युद्ध विराम नहीं मानेंगे। ट्रंप ने जेलेंस्की को मीडिया के सामने ही धमकियां देना शुरू कर दिया। वहीं अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस दोनों नेताओं के बीच सुलह कराने का प्रयास करते दिखे। वोलोदिमीर को मिला यूरोपीय देश का साथ डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच तीखी बहस के बाद यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेन के लिए मजबूत समर्थन दिखाया है।

शांति के लिए तैयार हों तब जेलेंस्की तब वापस आएं
ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, ‘आज व्हाइट हाउस में हमारी बहुत अहम बैठक हुई। हमने ऐसी बातें जानीं, जो दबाव भरी चर्चा के बिना कभी समझ में नहीं आतीं। कितनी हैरानी की बात है कि भावनाओं के बीच क्या-क्या सामने आता है। मुझे यह समझ आया है कि अगर अमेरिका शांति लाने की कोशिश करता रहा, तो राष्ट्रपति जेलेंस्की शांति के लिए तैयार नहीं होंगे। क्योंकि उन्हें लगता है कि हमारी भागीदारी उन्हें बातचीत में बड़ा फायदा देती है। मैं कोई फायदा नहीं चाहता, मैं शांति चाहता हूं। जेलेंस्की ने अमेरिका के सम्मानित ओवल ऑफिस में ही अमेरिका का अपमान किया। वे तब वापस आ सकते हैं, जब वास्तव में शांति के लिए तैयार हों।

जेलेंस्की बोले- मदद के लिए यूएस का शुक्रिया
इस पूरे वाकये के बाद भी जेलेंस्की ने X पोस्ट में अमेरिका का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने लिखा, ‘धन्यवाद अमेरिका, आपके समर्थन के लिए धन्यवाद, इस यात्रा के लिए धन्यवाद। धन्यवाद अमेरिकी राष्ट्रपति का, कांग्रेस और अमेरिकी जनता का। यूक्रेन को न्यायसंगत और स्थायी शांति की जरूरत है, और हम ठीक उसी के लिए काम कर रहे हैं।’

जेलेंस्की मिनरल डील ठंडे बस्ते में
जेलेंस्की और ट्रम्प के बीच इस मुलाकात में मिनरल्स को लेकर डील होनी थी, लेकिन यह डील कैंसिल हो गई। यूक्रेन, अमेरिका को रेयर अर्थ मैटेरियल (दुर्लभ खनिज) देने के लिए राजी था। इस डील के बदले अमेरिका ने यूक्रेन के री-डेवलपमेंट में मदद करने की बात कही है। ट्रम्प 1 महीने से यूक्रेन पर दुर्लभ खनिज देने को लेकर दबाव बना रहे थे। ऐसा न होने पर अमेरिकी फंडिंग रोकने की धमकी दी थी।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रॉन ने रूस को आक्रामक के रूप में पहचाना, जबकि जर्मनी ने यूक्रेन का समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताई। स्पैनिश और पोलिश प्रधानमंत्रियों ने यूक्रेन को आश्वासन दिया कि यूरोप उनके साथ खड़ा है और इस बात पर प्रकाश डाला कि यूक्रेन अपनी लड़ाई में अकेला नहीं है। उधर, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयेन ने ‘एक्स’ पर लिखा, “आपने जो गरिमा दिखाई, उसने यूक्रेन के लोगों की बहादुरी को दर्शाया है। मजबूत, बहादुर और निडर बने रहें, प्रिय वोलोदिमीर जेलेंस्की।

हम शांति की गारंटी के साथ डील करेगे
हम न्यायपूर्ण और स्थायी शांति के लिए आपके साथ काम करते रहेंगे।” फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘एक हमलावर है: रूस। एक पीड़ित है: यूक्रेन। हमारा तीन साल पहले यूक्रेन की मदद करना और रूस पर प्रतिबंध लगाना सही था – और ऐसा करते रहना सही भी है।” मैक्रों ने कहा, “हमारे से मेरा तात्पर्य अमेरिकी, यूरोपीय, कनाडाई, जापानी और कई अन्य से है।” उन्होंने कहा, “उन सभी का आभार जिन्होंने मदद की और कर रहे हैं। उन लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त करता हूं जो शुरू से ही लड़ रहे हैं – क्योंकि वे अपनी गरिमा, अपनी स्वतंत्रता, अपने बच्चों और यूरोप की सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं।”

शिखर सम्मेलन का आह्वान करेगी मेलोनी
ट्रंप की करीबी सहयोगी मानी जाने वाली इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने कहा कि वे कूटनीति को पुनः पटरी पर लाने के लिए यूरोपीय संघ और अमेरिका के बीच शिखर सम्मेलन का आह्वान करेंगी। उन्होंने एक बयान में कहा, “अमेरिका, यूरोपीय देशों और सहयोगियों के बीच तत्काल एक शिखर सम्मेलन आयोजित किए जाने की आवश्यकता है, जिसमें इस बारे में खुलकर बात की जाए कि हम आज की बड़ी चुनौतियों से कैसे निपटना चाहते हैं। इसकी शुरुआत यूक्रेन से हो, जिसका हमने हाल के वर्षों में मिलकर बचाव किया है।” जर्मनी के अगले संभावित चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने ‘एक्स’ पर लिखा, “प्रिय वोलोदिमीर जेलेंस्की, हम अच्छे और मुश्किल समय में यूक्रेन के साथ खड़े हैं।

हमें इस भयानक युद्ध में कभी हमलावर और पीड़ित को लेकर भ्रमित नहीं होना चाहिए।” एस्टोनिया के प्रधानमंत्री क्रिस्टन मिशल ने कहा कि उनका देश स्वतंत्रता की लड़ाई में जेलेंस्की और यूक्रेन के साथ एकजुट है। मिशनल ने कहा, “हमेशा। क्योंकि यह सही है, आसान नहीं है।” इसके अलावा कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, फिनलैंड के प्रधानमंत्री पेटरी ओर्पो, लात्विया के राष्ट्रपति एडगर्स रिंकेविक्स, लग्जमबर्ग के प्रधानमंत्री लुक फ्रीडेन, पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क, नीदरलैंड के प्रधानमंत्री कैस्पर वेल्डकैंप ने यूक्रेन और जेलेंस्की के प्रति समर्थन जताया है। दूसरी ओर ‘व्हाइट हाउस’ ने एक बयान जारी कर कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप और उपराष्ट्रपति वेंस की अमेरिका फर्स्ट स्ट्रेंथ को समर्थन मिल रहा है। ट्रंप और वेंस ने दुनिया को स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका का फायदा नहीं उठाने दिया जाएगा। कैबिनेट और पूरे देश के सांसद यह भावना जाहिर कर चुके हैं।”

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