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Tuesday, July 22, 2025

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Tradition of Hatti Tribe : दो भाइयों ने रचाई एक ही दुल्हन से शादी…! यहां सुनिए तीनों ने एक स्वर में क्या कहा…?

सिरमौर, 22 जुलाई। Tradition of Hatti Tribe : महाभारत की तरह एक ही महिला के कई पतियों की प्रथा आज भी देश के कुछ हिस्सों में जीवित है। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई गांव में इसी परंपरा का ताजा उदाहरण देखने को मिला, जहां हट्टी जनजाति के दो सगे भाइयों ने एक ही दुल्हन से विवाह किया। इस विवाह समारोह का वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने बहुपतित्व (Polyandry) की सदियों पुरानी परंपरा को फिर से चर्चा में ला दिया है।

विवाह समारोह 12 जुलाई से शुरू होकर तीन दिन चला, जिसमें गांव के सैकड़ों लोग शामिल हुए। दोनों भाइयों प्रदीप और कपिल नेगी ने सुनीता चौहान नामक युवती से विवाह किया। सुनीता ने स्पष्ट किया कि यह उसका स्वतंत्र और स्वेच्छा से लिया गया फैसला है। दोनों दूल्हों ने भी कहा कि उन्होंने यह विवाह बिना किसी सामाजिक दबाव के किया है।

दूल्हे कपिल, जो विदेश में रहते हैं, ने कहा, “हमने पारदर्शिता में विश्वास किया है। इस विवाह के जरिए हम एक संयुक्त परिवार के रूप में एक-दूसरे को सहयोग, स्थिरता और प्यार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

बहुपतित्व की परंपरा क्या है?

बहुपतित्व का अर्थ है एक महिला का एक से अधिक पुरुषों से विवाह करना। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर और किन्नौर जिलों में यह परंपरा भ्रातृ बहुपतित्व (Fraternal Polyandry) के रूप में प्रचलित है, जिसमें एक महिला सगे भाइयों की पत्नी बनती है।

इस परंपरा का उद्देश्य परिवार की पैतृक संपत्ति के विभाजन को रोकना और आर्थिक मजबूती बनाए रखना था। इससे परिवार संयुक्त रहता है और भूमि व संसाधनों पर अधिकार बना रहता है।

हट्टी समुदाय और परंपरा का सामाजिक संदर्भ

हट्टी समुदाय, जो हिमाचल-उत्तराखंड सीमा क्षेत्र में निवास करता है, को 2022 में अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला था। इस समुदाय में बहुपतित्व एक स्वीकृत सामाजिक प्रथा रही है, हालांकि आधुनिक शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और बदलती सोच के चलते अब ये मामले कम हो गए हैं।

गांव के बुजुर्गों के अनुसार, आजकल ऐसी शादियां अधिकतर गोपनीय रूप से होती हैं, और समाज इसमें हस्तक्षेप नहीं करता। जो लोग इस परंपरा को नहीं अपनाना चाहते, उन्हें मजबूर नहीं किया जाता।

इतिहास और शोध

हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री वाईएस परमार ने इस परंपरा पर गहन शोध किया था और अपनी पीएचडी इसी विषय पर पूरी की थी। यह दिखाता है कि बहुपतित्व केवल सामाजिक प्रथा नहीं, बल्कि हिमाचल की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संरचना का भी हिस्सा रहा है।

सोशल मीडिया पर वायरल

शिलाई गांव में हुए इस विवाह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जहां लोग इस परंपरा को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग इसे सांस्कृतिक विरासत बता रहे हैं, वहीं कुछ इसे बदलते समाज के बीच टकराती परंपरा के रूप में देख रहे हैं।

बहुपतित्व की यह परंपरा अब बहुत कम देखने को मिलती है, लेकिन यह घटनाक्रम दिखाता है कि भारत के कुछ क्षेत्रों में पुरातन सामाजिक व्यवस्थाएं अभी भी जीवित हैं, और लोग उनमें अपनी मर्जी से हिस्सेदारी भी निभा रहे हैं।

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