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Token Tuhar Hath : डिजिटल छत्तीसगढ़ का सफल मॉडल…टोकन तुहर हाथ’ ऐप से उपार्जन व्यवस्था हुई पारदर्शी

Token Tuhar Hath: A successful model of digital Chhattisgarh… The procurement system has become transparent with the ‘Token Tuhar Hath’ app.

Token Tuhar Hath

रायपुर, 18 नवम्बर। Token Tuhar Hath : छत्तीसगढ़ शासन द्वारा धान खरीदी को सरल, सुविधाजनक और पारदर्शी बनाने के लिए तैयार किया गया ‘टोकन तुहर हाथ’ ऐप इस वर्ष किसानों का सबसे विश्वसनीय डिजिटल साथी बन गया है। ऐप के माध्यम से किसान घर बैठे अपनी पसंद की तिथि का टोकन बुक कर पा रहे हैं, जिससे उपार्जन केंद्रों में लाइन, भीड़भाड़ और इंतजार की समस्या लगभग समाप्त हो चुकी है। जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में जिले के सभी 129 धान उपार्जन केंद्रों में खरीदी प्रक्रिया सुचारू और व्यवस्थित रूप से जारी है।

मोबाइल से टोकन,अब न भीड़, न धूप में घंटों इंतजार : किसान

धान बेचने पहुंचे किसान कमलेश ने बताया कि ऐप आने के बाद खरीदी की व्यवस्था कई गुना बेहतर हो गई है।
उन्होंने कहा अब घर बैठे मोबाइल से ही टोकन कट जाता है। न भीड़ में लगना पड़ता है, न धूप में खड़े रहना पड़ता है। हमारे लिए यह बहुत बड़ी सुविधा है।

नया उपार्जन केंद्र बनने से बढ़ी राहत

ग्राम पदुमसरा के श्री लोधी ने कहा कि पदमी में नया उपार्जन केंद्र खुलने से दूर जाने की समस्या पूरी तरह समाप्त हो गई है। उन्होंने बताया केंद्र में पर्याप्त बोरे उपलब्ध, सुव्यवस्थित तौल प्रणाली, पीने का पानी, छाया,और कर्मचारियों का पूरा सहयोग सुनिश्चित है।उन्होंने कहा अब किसी प्रकार की असुविधा नहीं है। किसान बहुत संतुष्ट हैं।

किसानों में उत्साह — 3100 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य बना बड़ी राहत

किसानों ने इस वर्ष 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान समर्थन मूल्य को ऐतिहासिक और अत्यंत लाभकारी बताते हुए सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। किसान कमलेश लोधी ने कहा“31 सौ रुपए की दर किसानों के जीवन में नई खुशहाली लेकर आई है। यह अब तक का सबसे मजबूत किसान हितैषी कदम है।

कृषक हित में आधुनिक तकनीक का उपयोग, ऐप आधारित टोकन प्रणाली,उपार्जन केंद्रों में मजबूत व्यवस्थाएँ, समयबद्ध भुगतान, ये सभी पहलू इस वर्ष की धान खरीदी को सुगमता, पारदर्शिता और दक्षता का उत्कृष्ट उदाहरण बना रहे हैं।छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल किसानों के विश्वास को और मजबूत कर रही है और खरीदी प्रक्रिया को पूरी तरह झंझट-मुक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध हो रही है।

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