Tirupati Laddu Controversy
आंध्र प्रदेश का तिरुपति बालाजी मंदिर देश के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है, जहां हर साल लाखों भक्त दर्शन और प्रसाद के लिए आते हैं। श्रद्धालुओं के लिए यह प्रसाद आस्था का प्रतीक है, और इसकी पवित्रता से छेड़छाड़ करना उनकी धार्मिक भावनाओं का अपमान है। तो वही अब तिरूपति बालाजी मंदिर के लड्डू में मिला पशु चर्बी वाला विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
प्रसाद में उपयोग होने वाले घी की जांच रिपोर्ट में मछली के तेल और जानवरों की चर्बी होने की पुष्टि के बाद कई केंद्रीय मंत्री सहित आंध्र प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने सीबीआई जांच की मांग की है। कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष एक पत्र याचिका भेजी गई। अधिवक्ता सत्यम सिंह ने मुख्य न्यायाधीश को लेटर पिटीशन भेजा है। पत्र में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट (TTD) से जुड़े मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई है।
Tirupati Laddu Controversy
बता दें कि यह याचिका तिरुमाला तिरुपति मंदिर में भगवान को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद की तैयारी में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल के हालिया खुलासे के संबंध में दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि, यह कृत्य मौलिक हिंदू धार्मिक रीति-रिवाजों का उल्लंघन करता है और अनगिनत भक्तों की भावनाओं को गहराई से आहत करता है जो प्रसाद को आशीर्वाद मानते हैं।
बता दें कि तिरुपति लड्डू मामले को लेकर कई नेताओं ने सीबीआई जांच की भी मांग की है। वहीं हिंदू सेवा समिति ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की जांच के लिए SIT गठन करने की मांग की है। वहीं याचिकाकर्ता ने कहा है कि इस मामले से करोड़ों लोगों की धार्मिक भावना आहत हुई है। इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिए। तो सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इस मामले में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को कहा कि पिछली वाईएसआर कांग्रेस सरकार के समय में तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर द्वारा ‘प्रसाद’ के रूप में दिए जाने वाले लड्डू बनाने के लिए पशु चर्बी का उपयोग किया गया है। राज्य सरकार ने तब गुजरात की एक प्रयोगशाला की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि, लड्डूओं को बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में बीफ की चर्बी, मछली का तेल और सुअर की चर्बी के अंश थे।