Tikamgarh News
टीकमगढ़ (मध्य प्रदेश)। बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले में सामाजिक समानता की उम्मीदों को शर्मसार करने वाली एक दर्दनाक घटना सामने आई है। जिले के बड़ागांव धसान थाना क्षेत्र के मोखरा गांव में एक दलित दूल्हा जितेंद्र अहिरवार सिर्फ अपनी शादी की रस्म निभा रहा था, लेकिन उसकी घोड़ी पर सवारी और बारातियों के चप्पल पहनने को गांव के कुछ दबंगों ने अपनी “शान” के खिलाफ समझ लिया और हमला कर दिया।
बारात से पहले ‘विनायकी (राछ)’ की रस्म के तहत जब जितेंद्र घोड़ी पर सवार होकर एक मोहल्ले से गुजर रहा था, तभी भान कुंवर राजा परमार नामक व्यक्ति ने उसे रोक कर जातिसूचक गालियां दीं और कहा – “तेरी हिम्मत कैसे हुई हमारे सामने घोड़ी पर बैठने की?” इसके बाद सूरज पाल और दृगपाल नामक अन्य लोगों के साथ मिलकर उस पर और बारातियों पर पथराव किया गया।
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इस हिंसक हमले में चार लोग घायल हुए हैं। दूल्हे और उसके रिश्तेदारों को बुरी तरह बेइज्जत किया गया। दबंगों ने यह तक कहा कि दलितों को चप्पल पहनकर उनके दरवाजे से निकलने का अधिकार नहीं है।
दूल्हे की आपबीती:
“मेरी बारात सागर जानी थी। राछ की रस्म के दौरान जैसे ही मोहल्ले से निकले, पथराव शुरू हो गया। हमें घोड़ी से उतरने को कहा गया और कहा गया कि पैदल जाओ, तुम नीची जाति के हो।”
इस घटना की शिकायत बड़ागांव धसान थाना में दर्ज कराई गई है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
यह घटना न सिर्फ दलित समुदाय के खिलाफ जारी भेदभाव का प्रतीक है, बल्कि यह संविधान द्वारा दिए गए समानता के अधिकार पर सीधा प्रहार है। टीकमगढ़ जैसे इलाकों में आज भी जातिगत सोच का जहर किस कदर समाज में घुला हुआ है, यह घटना उसकी जीती-जागती मिसाल है।