Team India Victory Parade
मुंबई। टी-20 वर्ल्डकप जीतने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम ने गुरुवार को मुंबई में मरीन ड्राइव से वानखेड़े स्टेडियम तक ओपन बस में बैठकर विक्ट्री परेड निकाली गई। सभी खिलाड़ी विजय रथ (ओपन बस) में बैठे। खिलाड़ियों के हाथ में वर्ल्डकप ट्रॉफी और तिरंगा था। परेड का समापन 2.2 किमी दूर वानखेड़े स्टेडियम में हुआ।
इस विक्ट्री परेड को देखने के लिए 3 लाख से ज्यादा की भीड़ उमड़ पड़ी। इससे कई स्थानों पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गयी थी। विक्ट्री परेड खत्म होने के बाद सड़कों पर बिखरी पड़ीं चप्पलें इसकी गवाही दे रही हैं। टीम इंडिया के स्वागत के लिए मरीन ड्राइव पर इकट्ठा हुए कई लोगों की हालत बिगड़ गई।
इसमें कुछ घायल हो गए। पुलिस के मुताबिक, भीड़ में करीब एक दर्जन बच्चे लापता हो गए। हालांकि, बाद में उन्हें माता-पिता से मिलवा दिया गया। तो वहीं, चार से 5 लोगों को बीमार होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। विक्ट्री परेड में मौजूद रवि सोलंकी ने बताया कि मैं ऑफिस से सीधे यहां पहुंचा था। शाम 5 बजे से भीड़ इंतजार कर रही थी। पहले कहा गया था कि 5-6 बजे तक टीम इंडिया आएगी, लेकिन टीम नहीं आई।
Team India Victory Parade
ऐसे में भीड़ बढ़ती जा रही थी. पुलिस का कोई प्रोटेक्शन नहीं था। भीड़ कहां जा रही थी, कुछ पता नहीं चल रहा था। जैसे ही बस निकली, लोगों ने चिल्लाना शुरू कर दिया। कुछ लोग धक्का लगने से गिर गए। पुलिस ने इस दौरान भीड़ को रोकने की कोशिश नहीं की। जिसमे कई लोग घायल हो गए। हम लोग कैसे बाहर आए, ये भी नहीं समझ आया। लास्ट में देखा तो कुछ लोग गिरे थे। चप्पल छूट गए थे।
कुछ लोग शोरूम में बेहोश हो गए थे।मेरा ऑफिस बैग भी चला गया। अधिकारियों के मुताबिक, मरीन ड्राइव से वानखेड़े स्टेडियम के बीच किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया था। हालांकि, इसके बावजूद कई जगहों पर भगदड़ जैसी स्थिति हो गई।
आप को बता दे कि टीम इंडिया के विक्ट्री परेड में भगदड़ की घटना ऐसे वक्त पर हुई, जब दो दिन पहले ही हाथरस में बड़ी घटना हो गई। यहां भोले बाबा के सत्संग में हुई भगदड़ में 123 लोगों की मौत हुई है।