Swami Avimukteshwarananda
जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर धर्मगुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस हमले की जाँच पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे, इस बात का पता कैसे चला? स्वामी ने अपने बयान में कहा कि यह सवाल सिर्फ सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए नहीं, बल्कि देशवासियों के लिए भी अहम है।
उनका कहना था कि अगर किसी के घर में कोई घटना होती है, तो सबसे पहले घर के चौकीदार से पूछा जाता है। स्वामी के अनुसार, अगर सुरक्षा चौकीदार की जिम्मेदारी निभा रहे लोग सच में अपनी ड्यूटी सही तरीके से कर रहे होते, तो क्या हमला होने के बाद चौकीदार का जरा भी विरोध नहीं होता? उन्होंने कहा कि जब आतंकी हमले के बाद किसी ने विरोध नहीं किया और आतंकी आराम से घटना को अंजाम देकर भाग गए, तो सवाल यह है कि सुरक्षा व्यवस्था (चौकीदार) कहाँ थी?
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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस पर भी सवाल उठाया कि सरकार के बयान में यह जल्दी से कैसे पता चल गया कि आतंकवादी पाकिस्तान से थे? अगर आतंकवादी पाकिस्तान से थे, तो फिर उनकी तलाश क्यों नहीं की गई? स्वामी ने यह भी कहा कि सरकार इस बात का ढिंढोरा पीट रही है कि वह पाकिस्तान को सबक सिखाएगी, लेकिन अगर पाकिस्तान से आतंकवादी आए थे तो उस पर कार्रवाई अभी क्यों नहीं की गई?
इसके साथ ही स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सिंधु जल संधि को लेकर भी टिप्पणी की, जो भारत और पाकिस्तान के बीच पानी के बंटवारे को लेकर है। उन्होंने कहा कि सरकार यह दावा कर रही है कि उसने सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया है, लेकिन सवाल यह है कि क्या भारत के पास पाकिस्तान से बहने वाले पानी को रोकने की कोई व्यवस्था है? स्वामी ने विशेषज्ञों से इस बारे में जानकारी ली थी, जिनके अनुसार अगर आज से इस काम की शुरुआत की जाए, तो भी भारत के पास पानी को रोकने का कोई ठोस उपाय नहीं है, और यह काम कम से कम 20 साल में किया जा सकता है।
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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस विषय में तंज करते हुए कहा, “लोग कह रहे हैं कि पाकिस्तान पानी की एक बूंद के लिए तरसेगा, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस काम में 20 साल लगेंगे, क्योंकि इस काम का कोई ठोस उपाय नहीं है।”
अंत में, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सरकार से अपील की कि जिन लोगों ने सुरक्षा चूक की है, उन्हें सजा दी जाए, और अगर इसमें कोई बाहरी तत्व शामिल हैं, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वालों को गंभीरता से अपनी ड्यूटी निभानी चाहिए और अगर कोई चूक हो, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के इन सवालों ने सरकार और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। उनका यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन चुका है, खासकर उस संदर्भ में जब आतंकवाद, पाकिस्तान और सुरक्षा व्यवस्था पर बहस चल रही है।
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