Story of Mukhtar Ansari and Atiq Ahmed
नई दिल्ली: यूपी के पूर्वांचल में सामाजिक आतंक के पर्याय रहे बाहूबलियों के लिए सीएम योगी की सरकार का समय बेहद खराब साबित हुआ। योगी सरकार के एक्शन से प्रशासन के चंगुल में फंसे गैंगस्टर और उनके सरताजों के लिए जीना मुश्किल हो गया था।
गुरुवार को यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इससे पहले गैंगस्टर अतीक अहमद की बीच राह पर गोली मारकर हत्या हो गई थी। इसके बाद हत्यारों ने सरेंडर कर दिया था। प्रशासन का कहना है, मुख्तार की मौत कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई। मुख्तार की मौत से यूपी का पूर्वांचल अपराध मुक्त हो गया।
बता दें यूपी के पूर्वांचल में बाहुबली अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी की दबंगई जमकर चलती थी। वे जेल में रहते हुए भी लोगों की हत्या करा देते थे। बीते एक साल अतीक अहमद को पुलिस हिरासत में बदमाशों ने बीच राह ठिकाने लगा दिया, तो वहीं मुख्तार अंसारी खुद अपनी मौत मारा गया। हालांकि परिवार का आरोप है कि उन्हें जेल में धीमा जहर देकर मारा गया।
Story of Mukhtar Ansari and Atiq Ahmed
अतीक और मुख्तार के आतंक को दशकों से राजनीतिक संरक्षण मिला। जिसके साये में वे कई काले कारनामों को अंजाम देते रहे। दोनों अपराधियों के खिलाफ कई गंभीर मामले चल रहे थे। दोनों में से एक प्रयागराज और दूसरे का गाजीपुर में दबदबा था। लोगों के बीच उनकी छवि डॉन, गैंगस्टर, वसूलीबाज की थी। उन पर हत्या, जमीन हथियाना, सुपारी लेकर हत्या करना, अपहरण जैसे गंभीर अपराधों के केस दर्ज थे।
Story of Mukhtar Ansari and Atiq Ahmed
राजनीतिक संरक्षण से मिली दोनों को ताकत
मुख्तार अंसारी हो या अतीक अहमद दोनों अपराधी थे ही। जैसे इन्होंने अपराध किए। इन्हें मौजूदा दौर के नेताओं ने संरक्षण दिया। राजनीतिक संरक्षण की बदौलत इनका रसूख बढ़ता गया। दोनों का इस्तेमाल सपा और बसपा ने चुनाव जीतने के लिए किया। इस कारण पूर्वांचल माफियाओं के लिए बदनाम हो गया था।
मुख्तार अंसारी 1995 से 2022 तक लगातार पांच बार मऊ से विधायक रहा। 27 साल विधायक रहा लेकिन उसे सजा न हुई। बाद में जब 2014 में केंद्र और 2017 में राज्य में योगी सरकार से सब बदल गया। सीएम योगी खुद भी पूर्वांचल के गोरखपुर से ही आते हैं, ऐसे में उनका पूरा फोकस ही पूर्वाचंल की छवि बदलने पर रहा और वो उन्होंने कर भी दिखाया।
https://youtu.be/q0F2OusOudA