AB News

Spread in medicine quality test: पैरासिटामॉल सहित 53 दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फैल, इनमें बच्चों के दवाई भी शामिल, देखे List

Spread in medicine quality test

नई दिल्ली। भारत की केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने हाल ही में 53 दवाओं की क्वालिटी टेस्ट की रिपोर्ट जारी की है, जिसमें से 23 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरीं। इस सूची में पैरासिटामोल, विटामिन, उच्च रक्तचाप की दवाएं, एंटीफंगल और डायबिटीज की गोलियां शामिल हैं। ये दवाएं देश की प्रमुख फार्मास्युटिकल कंपनियों द्वारा निर्मित की जाती हैं।

जानकारी के मुताबिक,  CDSCO की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 53 दवाओं का क्वालिटी टेस्ट किया गया था, लेकिन केवल 48 दवाओं की सूची जारी की गई है। इनमें से कुछ दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरीं। परीक्षण में शामिल कई दवाएं भारत की प्रमुख फार्मास्युटिकल कंपनियों, जैसे कि Hindustan Antibiotics Limited और Hetero Drugs, द्वारा बनाई गई हैं। इन कंपनियों के कैल्शियम और विटामिन D-3 सप्लीमेंट, साथ ही डायबिटीज की दवाएं, सभी परीक्षण में फैल हो गई हैं।

Spread in medicine quality test

बच्चों की दवा भी  टेस्ट में असफल  
CDSCO की इस रिपोर्ट के अनुसार Cepodem XP 50 Dry Suspension की दवा भी क्वालिटी टेस्ट में फैल हो गई हैं। इस मेडिसिन को बच्चों के बैक्टीरियल इंफेक्शन में दी जाती हैं। खासकर बच्चों के कान, गले फेफड़े और चमड़े का इनफेक्शन होने पर यह दवा दी जाती हैं। इस मेडिसिन को हैदराबाद की Hetero Drugs  बनाती हैं।

Bilaspur Fox Attack : बिलासपुर में लोमड़ी का आतंक, हमले में 4 ग्रामीण घायल, वन विभाग ने जंगल में प्रवेश पर लगाई रोक

पेट में संक्रमण की मेट्रोनिडाजोल दवा भी फेल 

CDSCO की रिपोर्ट में मेट्रोनिडाजोल दवा का भी टेस्ट किया गया है, जो पेट में संक्रमण के उपचार के लिए उपयोग की जाती है। यह दवा Hindustan Antibiotics Limited (HAL) द्वारा निर्मित की जाती है, और यह परीक्षण में विफल रही है। यह स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है, खासकर उन रोगियों के लिए जो इस दवा पर निर्भर हैं।

Spread in medicine quality test

पहले भी 156 दवाओं पर प्रतिबंध

बता दें कि, CDSCO ने अगस्त में 156 दवाओं पर प्रतिबंध लगाया था, जिसमें दो फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन दवाएं भी शामिल थीं। ये दवाएं स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानी जाती हैं। इन दवाओं के निर्माण और बिक्री दोनों पर रोक लगा दी गई है।क्वालिटी टेस्ट में फेल हुई दवाओं की लित्ट में कई बड़े कंपनियों के नाम शामिल हैं, जिनकी दवाएं डॉक्टरों द्वारा लिखी जाती हैं। वही CDSCO की रिपोर्ट के बाद मरीजों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं, खासकर उन दवाओं दवाओं को लेकर जो गंभीर बीमारियों के इलाज में उपयोग होती हैं।

 

 

 

Exit mobile version