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Special Holi In Amroha : अमरोहा का अनोखा संगम, मुस्लिम परिवार की होली की टोपियाँ बनीं भाईचारे की पहचान

Special Holi In Amroha

अमरोहा। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले का एक मुस्लिम परिवार सदियों से होली के त्योहार के लिए खास टोपी बनाकर गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल पेश कर रहा है। यह परिवार बिना किसी भेदभाव के हर साल होली के मौके पर हिंदू समुदाय के लोगों के लिए पारंपरिक टोपियाँ तैयार करता है, जो सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक बन गई हैं।

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सदियों पुरानी परंपरा

अमरोहा में रहने वाला यह परिवार पीढ़ियों से इस काम को करता आ रहा है। उनका मानना है कि यह सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि आपसी प्रेम और एकता को बढ़ावा देने का ज़रिया है। परिवार के बुजुर्ग बताते हैं कि यह परंपरा उनके पूर्वजों के समय से चली आ रही है और वे इसे आगे भी जारी रखना चाहते हैं।

Special Holi In Amroha

कैसे बनाई जाती है होली की टोपी?

ये टोपियाँ रंग-बिरंगे कपड़ों और खास डिज़ाइनों से बनाई जाती हैं, जिन पर कई बार ‘होलिका दहन’ या ‘राधा-कृष्ण’ जैसे चित्र उकेरे जाते हैं। यह टोपी होली के दौरान विशेष रूप से पहनी जाती है, खासकर उत्तर भारत में, जहां लोग इसे पहनकर आपसी भाईचारे का संदेश देते हैं।

सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक

यह परंपरा दर्शाती है कि अमरोहा समेत भारत के कई हिस्सों में हिंदू-मुस्लिम एकता कितनी गहरी जड़ें रखती है। इस परिवार के बनाए टोपियाँ सिर्फ स्थानीय बाजारों में ही नहीं, बल्कि अन्य शहरों में भी पहुंचती हैं, जिससे उनका काम और संदेश दूर-दूर तक फैलता है।

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समाज में सकारात्मक संदेश

ऐसे परिवार और उनकी परंपराएं यह साबित करती हैं कि त्योहार सिर्फ धर्म तक सीमित नहीं होते, बल्कि वे प्रेम, सौहार्द और भाईचारे का संदेश देने का माध्यम होते हैं। अमरोहा का यह परिवार न सिर्फ होली की टोपी बनाकर त्योहार को खास बनाता है, बल्कि समाज को एकता और आपसी प्रेम का सबक भी सिखाता है।

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