Slovakia
स्लोवाकिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इन दिनों स्लोवाकिया के दौरे पर हैं और वहाँ उन्होंने भारत की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को दुनिया के सामने बड़े आत्मविश्वास से रखा। ब्रातिस्लावा में आयोजित स्लोवाकिया-भारत व्यापार मंच को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आज की दुनिया अनिश्चितताओं से भरी है, लेकिन भारत ऐसी स्थिति में भी प्रगति की एक शानदार मिसाल बनकर उभरा है।
ब्रातिस्लावा में आयोजित स्लोवाकिया-भारत व्यापार मंच में राष्ट्रपति मुर्मू ने जब मंच संभाला, तो हर शब्द भारत की कहानी कह रहा था। उन्होंने कहा – “दुनिया आज अनिश्चितताओं से घिरी हुई है, लेकिन भारत उनमें उम्मीद की एक मजबूत किरण बनकर खड़ा है।” यह बयान सिर्फ एक टिप्पणी नहीं थी, बल्कि भारत के बदलते चेहरे की झलक थी।
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उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ की बात की एक ऐसा सपना जो अब सिर्फ सपना नहीं, बल्कि निवेश और नवाचार का बुलंद मंच बन चुका है। राष्ट्रपति ने स्लोवाकियाई उद्योगों को इस अभियान में भाग लेने का आमंत्रण दिया। उनका संदेश साफ था। “भारत अब सिर्फ एक बाजार नहीं, एक मजबूत भागीदार है।”
उन्होंने बताया कि भारत अगले कुछ वर्षों में पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। और इस लक्ष्य को वो अकेले नहीं, बल्कि अपने मित्र देशों – जैसे स्लोवाकिया के साथ मिलकर हासिल करना चाहता है। उन्होंने यह भी कहा कि स्लोवाकिया जिस तरह कुशल और मेहनती कार्यबल की तलाश कर रहा है, उसमें भारतीय प्रतिभा अहम भूमिका निभा सकती है।
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राष्ट्रपति मुर्मू का यह दौरा सिर्फ भाषणों तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने जगुआर लैंड रोवर की नाइट्रा फैक्ट्री का दौरा भी किया। वहां उन्होंने भारतीय कर्मचारियों से मिलकर संवाद किया और लैंड रोवर डिफेंडर की एक यूनिट का रोलआउट अपनी आंखों से देखा। यह वही फैक्ट्री है जिसमें 2018 से टाटा मोटर्स की भागीदारी के ज़रिए भारत की मौजूदगी महसूस की जा रही है।
इस दौरे ने यह साफ कर दिया कि भारत और स्लोवाकिया के रिश्ते सिर्फ कागज़ों तक नहीं हैं। वे अब जमीन पर, तकनीक में, और लोगों की मेहनत में तब्दील हो चुके हैं। और राष्ट्रपति मुर्मू की ये यात्रा इन संबंधों को नई ऊर्जा और दिशा देने का काम कर रही है।