रायपुर, 25 सितम्बर। Shubham Mart : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में जीएसटी दरों में हाल ही में हुई ऐतिहासिक कटौती के बाद उपभोक्ताओं को मिल रहे प्रत्यक्ष लाभ का जायज़ा लेने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय खुद आम ग्राहक बनकर बाजार में पहुंचे। उन्होंने सरोना स्थित शुभम के मार्ट में 1,645 रुपये की रोजमर्रा की वस्तुएं खरीदीं और यूपीआई से भुगतान कर वास्तविक अनुभव साझा किया।
जनता से सीधा संवाद
मुख्यमंत्री ने सामान खरीदते समय लोगों से बातचीत की और जाना कि कैसे जीएसटी दरों में कमी ने उनके मासिक बजट में राहत दी है। उन्होंने खरीदारों से पूछा कि क्या वे इन बदलावों से संतुष्ट हैं, जिस पर उन्हें बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। गृहिणियों ने बताया कि अब उन्हें मसाले, डिटर्जेंट और किचन आइटम पहले से कम दामों पर मिल रहे हैं। वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं ने भी बताया कि सस्ती दवाइयों और स्टेशनरी से सीधी राहत मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, यह सुधार सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं, बल्कि हर परिवार की ज़िंदगी में दिखने वाला बदलाव है।
बचत क्रांति ने बदली ख़रीदारी की आदतें
खरीदारों ने इसे केवल टैक्स कटौती नहीं, बल्कि एक बचत क्रांति करार दिया। रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी टी. पी. सिंह ने कहा, पहले 30 दिन का राशन जितने में आता था, अब वही पैसे 40 दिन तक चल रहे हैं। मोदी जी जैसा साहसिक निर्णय कोई और नहीं ले सकता। नोटबुक पर 12% टैक्स से 0% किए जाने पर लद्दाराम नैनवानी ने स्टेशनरी पर 240 रुपये सालाना बचत की जानकारी दी।
ग्राहकों की प्रतिक्रिया
मुरलीधर (खरीदार) : 4 सामान लेने आया था, लेकिन छूट देखकर 4 गुना अधिक खरीद लिया।
देवांगन दंपति (चंगोराभाटा) : हमारे मंथली बजट में 10% की सीधी राहत मिली है। अब सामान ज्यादा, खर्च कम हो गया है।
सविता मौर्य व अनीता साकार : श्रृंगार सामग्री पहले महंगी थी, अब बजट में पूरी लिस्ट पूरी हो गई।
त्योहारी खरीदारी को मिली रफ्तार
जीएसटी दरों में व्यापक कटौती के बाद न केवल खाद्य सामग्री, बल्कि दवाइयां, स्टेशनरी, घरेलू उपयोग की वस्तुएं और त्योहारी सामान भी उपलब्ध कीमतों में आ गए हैं। इससे दुकानदारों और ग्राहकों दोनों में उत्साह दिख रहा है।
मुख्यमंत्री का संदेश, यह जीएसटी सुधार केवल कागजों तक सीमित नहीं, अब हर थैले में, हर रसोई में दिखाई दे रहा है। स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें और आत्मनिर्भर भारत को सशक्त बनाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जीएसटी में हुआ सुधार केवल सरकारी निर्णय नहीं, बल्कि हर नागरिक के बजट में आई राहत की असल तस्वीर बन चुका है।
मुख्यमंत्री का यह आमजन से जुड़ाव यह दिखाता है कि अब प्रशासनिक निर्णयों की असली परीक्षा बाजार और जनता के बीच हो रही है और वहां से मिल रहा है भरपूर समर्थन।