Sheikh Hasina
बांग्लादेश में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और प्रतिबंधित छात्र संगठन बांग्लादेश छात्र लीग (BCL) के नेता शकील आलम बुलबुल को अदालत की अवमानना के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक ऑडियो क्लिप के आधार पर पारित किया गया है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करते हुए सुनी जा रही हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक ICT के अभियोजक गाजी एमएच तमीम ने पुष्टि की है कि आवाज की फोरेंसिक जांच कराई गई, जिससे यह प्रमाणित हुआ कि ऑडियो में आवाज हसीना की ही है। दोनों को 15 मई तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है।
Sheikh Hasina
विशेष बात यह है कि यह वही न्यायाधिकरण है, जिसे शेख हसीना की सरकार ने 1971 के युद्ध अपराधों की सुनवाई के लिए स्थापित किया था। अब उसी ट्रिब्यूनल में हसीना खुद आरोपी बनी हैं।
यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से हसीना, उनके परिवार और समर्थकों के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं। इनमें 2013 के शापला छत्तर हत्याकांड और जबरन गायब किए जाने की घटनाएं शामिल हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि यह घटनाएं राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित हैं। अगस्त 2024 में पद छोड़ने के तुरंत बाद हसीना को देश छोड़ना पड़ा और उन्होंने भारत में शरण ली। फरवरी में उन्होंने भारत से समर्थकों को संबोधित करते हुए मौजूदा सरकार पर देश को अराजकता की ओर ले जाने का आरोप लगाया था।